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घोटाले की नहीं, बल्कि फर्जी दस्तावेजों की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा

  • मनपा शौचालय घोटाले में सामने आयी नई जानकारी
  • हिरासत में लिये गये दोनोें आरोपी मात्र दो प्रतिशत के कमिशन एजेंट थे
  • मुख्य आरोपी अब भी मनपा व पुलिस की नजरों से कोसों दूर
  • घोटाला मामले का सारा दारोमदार अब मनपा पर

अमरावती/प्रतिनिधि/दि.४ -विगत दिनों अमरावती मनपा में निगमायुक्त प्रशांत रोडे के समक्ष बडनेरा झोन में कथित तौर पर बनाये गये निजी शौचालयों के निर्माण से संबंधित फर्जी बिलों की फाईल रखी गयी थी और इस जरिये सरकारी तिजोरी से ७५ लाख रूपयों के अपहार का प्रयास किया गया था. इस पूरे मामले को शौचालय घोटाला कहा जा रहा था. जिसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा पुलिस द्वारा की जा रही थी. साथ ही इस मामले को लेकर काफी उठापटक के बाद बडनेरा झोन के डेटा एन्ट्री ऑपरेटर संदीप राईकवार व मनपा लेखा विभाग के कनिष्ठ लिपीक अनुप सारवान को गिरफ्तार किया गया था. जिन्हें गत रोज स्थानीय अदालत ने सशर्त जमानत भी दे दी. इस संदर्भ में पडताल किये जाने पर पता चला है कि, आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मनपा में घटित किसी घोटाले की जांच ही नहीं की जा रही, बल्कि इन दोनों आरोपियों द्वारा जिस तरह से फर्जी बिल व फर्जी हस्ताक्षरों के जरिये मनपा को झांसा देने का प्रयास किया गया, केवल उसकी जांच ही आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है.
आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन दोनों आरोपियों ने पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान पुलिस को बताया है कि, उन्हें केवल इस मामले में दो प्रतिशत कमिशन मिलनेवाला था और वे इससे पहले भी ऐसे काम में दो प्रतिशत कमिशन हासिल कर चुके है. वहीं योगेश कावरे नामक व्यक्ति वर्ष २०११ से मनपा में फाईलों को इधर से उधर करने का काम करता था. ऐसे में अब पुलिस ने योगेश कावरे नामक व्यक्ति की खोजबीन करना शुरू कर दी है. इस अधिकारी का कहना रहा कि, इन दोनोें आरोपियों के बयान से यह तो साफ हो गया है कि, अमरावती मनपा में इससे पहले भी ऐसे फर्जीवाडे होते रहे है. जिसकी जांच खुद मनपा द्वारा करते हुए एक रिपोर्ट भी तैयार की गई है. किन्तु इसे लेकर अब तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है. ऐसे में फिलहाल पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि,
विगत जून माह में यह मामला उजागर हुआ था. जिसके बाद निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने इस मामले की मनपा अंतर्गत जांच शुरू कराने के साथ ही अपने समक्ष पेश किये गये फर्जी बिलोंवाले मामले के संदर्भ में पुलिस शिकायत दर्ज करायी थी. शुरूआत में ७५ लाख रूपयों का अपहार करने का प्रयास करने से संबंधित इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि, यह मामला करीब २ करोड, ४० लाख रूपयों के अपहार से जुडा हुआ है. जिसमें से करीब डेढ करोड रूपये इससे पहले मनपा की तिजोरी से निकाले जा चुके है, लेकिन इस अपहार को लेकर प्रशासन द्वारा अब तक कोई पुलिस शिकायत नहीं दी गई है. जिसके वजह से पुलिस ने फिलहाल इस मामले में हाथ नहीं डाला है. वहीं दूसरी ओर अब इस बात को लेकर भी आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि, उपायुक्त की अध्यक्षतावाली समिती द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंप दिये जाने के बावजूद निगमायुक्त प्रशांत रोडे की ओर से अब तक इस मामले को लेकर पुलिस में नई शिकायत क्यों
नहीं दी गई है, इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने एक बार फिर दोहराया कि, इस मामले की फिलहाल जांच जारी है और रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. इसके बाद ही इस मामले में कोई कार्रवाई की जायेगी.

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