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अतिक्रमण हटाने का नहीं, बल्कि मनपा के अतिरेक का विरोध

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे का कथन

* कार्रवाई योग्य तरीके से होने की बात भी कही
अमरावती/दि.21– मनपा द्वारा की जा रही अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई यह किसी भी जनप्रतिनिधि का विरोध मैं नहीं कर रहा, बल्कि मनपा की कार्रवाई जिस मनमाने ढंग से की जा रही है, उसे लेकर मेरी आपत्ति जरूर है और मेरा केवल इतना ही कहना है कि, यह कार्रवाई योग्य तरीके से होनी चाहिए. इस आशय का स्पष्टीकरण जिले के पूर्व पालकमंत्री तथा विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील द्वारा जारी किया गया है.
पूर्व पालकमंत्री पोटे का कहना रहा कि, अमरावती शहर के लगभग सभी रास्तों पर फेरीवालों ने जगह घेर रखी है. साथ ही साथ कई दुकानदारों ने भी अवैध तरीके से अतिक्रमण करते हुए फूटपाथ गडप कर रखे है. जिन्हें तत्काल हटाकर रास्तों को खुला करने का निर्देश खुद उन्होंने कई बार मनपा प्रशासन को दिये है. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर विरोध करने का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन किसी दुकानदार की दुकान का बोर्ड या दर्शनी हिस्सा रास्ते की हद में आ गया है, तो उसे किसी भी तरह की पूर्व सूचना दिये बिना एकदम ही बुलडोजर लगाकर तोडफोड करना यह व्यापारियों पर अन्याय है. हर व्यापारी व दुकानदार अपने दुकान व प्रतिष्ठान के दर्शनी हिस्से पर ही सबसे अधिक खर्च करता है. ऐसे में यदि संबंधित व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व सूचना दी जाती है, तो वे दर्शनी हिस्से पर लगायी गई कीमती सामग्री को हटा सकते है और यदि नोटीस दिये जाने के बाद भी व्यापारियों द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता, तब उनके खिलाफ तोडू कार्रवाई करना योग्य कहा जा सकता है. पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे के मुताबिक मनपा द्वारा अकस्मात शुरू की गई है अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के चलते स्थानीय व्यापारियों व दुकानदारों में काफी रोष व संताप का और उनके द्वारा मदद हेतु गुहार लगाये जाने पर वे मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने मनपा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये थे. लेकिन इसका कुछ लोगोें द्वारा गलत मतलब निकाला गया और यह माना गया कि, वे शायद अतिक्रमण हटाये जाने की कार्रवाई का विरोध कर रहे है. जबकि हकीकत में वे खुद चाहते है कि, शहर पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त हो, लेकिन इसके लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमानुसार होनी चाहिए.

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