अमरावतीमहाराष्ट्र

नथिंग टू से ’ ने व्यक्त की नाट्य रसिकों की भावना

अकोला परिमंडल के ‘ नथिंग टू से ’ सर्वोत्कृष्ठ चंद्रपुर परिमंडल के ‘ द फियर फैक्टर ’ द्बितीय

* सर्वोत्कृष्ठ अभिनेता ज्ञानेश पानपाटिल और सर्वोत्कृष्ठ अभिनेत्री रही गौरी पुरकर
अमरावती/दि.9– महावितरण नागपुर परिक्षेत्र अंतर्गत संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक सभागृह अमरावती में हुए दो दिवसीय 5 व 6 अप्रैल नाटय स्पर्धा महावितरण अकोला परिमंडल के नाट्य कलाकारों ने प्रस्तुत किए ‘ नथिंग टू से ’ इस नाटक ने सर्वोत्तम नाटकों के पुरस्कार सहित विविध वर्गवारी में 6 प्रथम और 1 द्बितीय पुरस्कार प्राप्त कर जीत हासिल की तथा चंद्रपुर परिमंडल के ‘द फियर फैक्टर ’ यह नाटक उपविजेता रहे.
नागपुर परिक्षेत्र के प्रादेशिक संचालक सुहास रंगारी के हाथों विजेताओं को पुरस्कार वितरण कर सम्मानित किया गया.
इस समय सभी नाटय कलाकारों को प्रोत्साहित करते समय सुहास रंगारी ने कहा कि स्पर्धा के बाद भी सभी नाटय कलाकार एक दूसरे से संवाद कायम रखे. असफलता मिलने पर भी रूके नहीं. निरंतर प्रयास शुरू रखने का उन्होंने आवाहन किया.
स्पर्धा के अध्यक्ष ज्ञानेश कुलकर्णी ने कहा कि हार और जीत यह स्पर्धा का एक भाग है. परंतु कलाकारों को नाट्य प्रस्तुत करने में जो मिला स्वानंद ओर नाट्य रसिको को दिया गया आनंद यही उनका पुरस्कार है. नाटको के प्रयोग से आनंद के साथ अनेक बातों का अनुभव होता है, ऐसा मत मुख्य अभियंता नागपुर परिमंडल के दिलीप दोडके ने बताया तथा नौकरी के अंतिम चरण में सभी नाटक कलाकारों ने प्रस्तुत की उत्कृष्ठ कला देखने मिली, ऐसा मत मुख्य अभियंता चंद्रपुर परिमंडल सुनील देशपांडे ने बताया और इस स्पर्धा में पुरस्कार नहीं मिला. उन्होंने निराश न होकर फिर से प्रयास करे, ऐसा आवाहन मुख्य अभियंता (प्र.) अकोला परिमंडल के पवनकुमार कछोट ने किया.
मुख्य अभियंता दत्तात्रय पडलकर द्बारा निर्मित प्रसाद दाणी ने लिखे और संजय पुरकर ने दिग्दर्शित किये गये ‘नथिंग टू से’ इस नाटक से नाट्य रसिकों की भावना व्यक्त की है. माता-पिता का तलाक, कानून की कसौटी के कारण बचपन से ही पिता से (माधव सहस्त्रबुध्दे)से दूर हुई पुत्री (मालविका)यह उम्र के 24 वे वर्ष में अपने पिता को खोजती हुई आती है. उसके दिल को होनेवाला दर्द, पिता द्बारा बचपन से ही अधूरी रही अपेक्षा यह नाटय रसिको के कलेजे को प्रभावित करती है. उसमें जीगर इस रिक्षा ड्राईवर की भूमिका से नाटय रसिको की भूमिका से नाट्य रसिको को कला की एक अनूठी चमक दिखाई.
प्रत्येक के मन में भय बना रहता है. अपने हाथ से एकाध अपराध या गलती हो जाने पर मन में भय बना रहता है. जिससे अपन को घबराहट होती है. ऐसे भयग्रस्त मुग्ध के मानसिक द्बंद यानी मुख्य अभियंता चंद्रपुर परिमंडल सुनील देशपांडे द्बारा निर्मित और अमेय दक्षिणदास द्बारा लिखित ‘द फियर फैक्टर’ यह नाटक था.
महावितरण नागपुर परिक्षेत्र अंतर्गत हुई इस स्पर्धा के लिए अकोला, अमरावती, नागपुर, चंद्रपुर और गोंदिया परिमंडल के सभी वरिष्ठ अधिकारी व नाटयरसिकों की भीड थी.
इस संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रफुल्ल देशमुख और प्रियंका सोलंके ने किया तथा आभार प्रदर्शन स्पर्धा के सचिव तथा उपमुख्य औद्योगिक संबंध अधिकारी मधुसूदन मराठे ने किया.

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