अमरावती

खरीफ फसल कर्ज कम वितरीत करने वाली बैंकों को नोटिस जारी

प्रभारी जिलाधिकारी विजय भाकरे ने दी चेतावनी

अमरावती/दि.1- जिले में खरीफ फसल कर्ज का 57 प्रतिशत वितरण किया जा चुका है. जिसमें राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों की हिस्सेदारी कम है. आगामी मानसून व खरीफ सत्र को ध्यान में रखते हुए किसानों को समय पर कर्ज देने की आवश्यकता है. इसलिए 20 प्रतिशत से कम कर्ज देनेवाले सभी बैंकों को नोटिस जारी करते हुए, प्रभारी जिलाधिकारी विजय भाकरे ने चेतावनी दी कि आगामी पखवाडे में सुधार नहीं होने पर कडी कार्रवाई की जाएगी.
खरीफ फसल कर्ज वितरण तथा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैंक अधिकारियों की बैठक हुई इस समय वे बोल रहे थे. इस दौरान प्रबंधक पंकज कुमार, कृषि अधिकारी गजानन देशमुख समेत बैंक के अनेक अधिकारी उपस्थित थे. आगामी खरीफ सत्र के लिए 1450 करोड के फसल कर्ज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ऐसा लगता है कि 57 प्रतिशत कर्ज वितरीत हो चुका है. जबकि 36 प्रतिशत कर्ज वितरण आज तक अपेक्षित था. हालांकि जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का इस आंकडे में 89 फीसद हिस्सा है. शेष राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों का प्रदर्शन समाधानकारक नहीं है. उन्होंने इसमें तत्काल सुधार करने तथा आगामी 15 दिनों में और कर्ज वितरीत कर लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने जिला केंद्रीय सहकारी बैंक को फसल कर्ज वितरण में अब तक अच्छे प्रदर्शन के लिए बधाई दी. उन्होंने आगे कहा कि कर्ज वितरण की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए. किसानों को बाधा नहीं बनना चाहिए. आवेदनों को लंबित नहीं छोडा जाना चाहिए. यदि इसमें कोई त्रुटी है तो उसे सुधारा जाना चाहिए. फिजूल के दस्तावेज न मांगे जाए. उन्होंने किसानों की समस्या को जानकर संवेदनशील होकर उन्हें कर्ज दिलाने में पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए.

* उद्योग योजना की समीक्षा
जिलाधिकारी विजय भाकरे ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि, जिले से अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए. उसके लिए प्रलंबित आवेदनों की संख्या कम की जाए. किसानों को पूरी जानकारी देकर मामले को पूरा करे और तत्काल स्वीकृति दे. स्वीकृत प्रकरणों का कर्ज वितरण समय पर हो, ताकि प्रसंस्करण उद्योगों को बढावा मिल सके. इस योजना के तहत बैंको को 733 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 259 प्रकरण स्वीकृत तथा 282 प्रकरण अस्वीकृत है. 192 मामले प्रलंबित है. कृषि अधिकारी गजानन देशमुख ने कहा कि योजना का लाभ सभी प्रकार के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को मिलता है. ग्रामीण क्षेत्रों की वित्त व्यवस्था को बढावा देने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन किया जाना चाहिए. इस संबंध में योजना की जानकारी सभी तरफ फैलायी जाए, अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त हो इसका प्रयास किया जाना चाहिए. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सके. जिलाधिकारी ने निर्देश दिए की कर्ज स्वीकृति के लिए बैंक भी प्रभावी ढंग से कार्य करें.

 

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