अमरावतीविदर्भ

नौ अधिकारियों को थमाया नोटीस

निजी शौचालय घोटाला मामले में नया मोड

  • पांच दिन के भीतर जवाब देने के सख्त निर्देश

  • मनपा गलियारे में मची खलबली

अमरावती/दि.११ – मनपा के चर्चित शौचालय घोटाले में नया मोड नजर आ रहा है. मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे ने कडा रूख अपनाते हुए अब बडी मछलियों को जाल में फंसाने का प्रयास शुरू कर दिया है. इस मामले में अब तक योगेश कावरे, राहुल खिंवसरा, अनुप सारवान, संदीप राईकवार, गजानन ढेवले, ऋषिकेश चांगोले, सुशांत निमकंडे, नीलेश गुडधे व प्रणव मेहरे आदि पर एफआईआर दर्ज है. अपराध शाखा द्वारा जांच जारी है. मनपा आयुक्त के निर्देश पर विभागीय जांच समिती गठित करने के बाद समिति ने इस मामले में मनपा के अब बडे अधिकारियों को घेरना शुरू कर दिया है. सहायक आयुक्त नरेंद्र वानखडे, योगेश पीठे, पूर्व मुख्य लेखापाल प्रेमदास राठोड, लेखा परीक्षक राम चव्हाण, स्वास्थ्य अधिकारी विशाल काले, सीमा नेताम, सोनाली यादव, प्रशांत शेलके, विधि अधिकारी श्रीकांत चव्हाण और सिपाही सुनीता वर्मा को नोटिस जारी कर पांच दिन के भीतर जवाब दाखिल करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. नोटिस जारी होने से मनपा में हडकंप मच गया है.

ज्ञात रहे कि, २ करोड ४९ लाख का फर्जी बिल घोटाला मनपा आयुक्त की सतर्कता से सामने आया था. उस दिन के बाद मामले में जुडे सभी लोगोें पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए, लेकिन अब इस मामले में दो सहायक आयुक्त सहित मुख्य लेखापाल अधिकारी को नोटिस जारी होने से मामले ने नया रूख ले लिया है. जिन अधिकारियों को अपने जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं, उनकी भी नींद उड चुकी है.

इन अधिकारियों का कहना है कि, फर्जी बिल घोटाले में इस्तेमाल किए गए हस्ताक्षर उनके द्वारा नहीं किए गए हैं, जबकि इस मामले में बिना हस्ताक्षर के बिल ही पास न होने की बात कही जा रही है. अगर इन बडे अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं होते तो संबंधित बिल ही पास नहीं होता. गलती से ही सही इन अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद अब यह मामला उनके ही पांव पर कुल्हाडी मारने जैसा हो गया है. यह भी कहा जा रहा है कि, अगर इन अधिकारियों ने कहा कि, बिल पर हस्ताक्षर उनके नहीं है तो समय आने पर एक्सपर्ट द्वारा ही हस्ताक्षर जांचने की कार्रवाई प्रशासन कर सकता है. मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा इस मामले में मुख्य आरोपी तलाशने की कार्रवाई शुरू कर दी है. अगर भविष्य में इन अधिकारियों का नाम सामने आता है तो मनपा के इतिहास में पहली बार किसी बडे अधिकारी का नाम घोटाले में शामिल हो जाएगा.

  • इससे पहले भी मनपा में रेस्क्यू वैन घोटाला उजागर हुआ है, लेकिन इस घोटाले में मास्टरमाइंड का पता अब तक नहीं लगा है. अब उसी तरह इस घोटाले में मास्टरमाइंड कई दिनों बाद गायब हो जाए ऐसा नहीं होना चाहिए. इस मामले में जो अधिकारी, कर्मचारी दोषी हो, उन पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. अन्यथा कांग्रेस पार्टी की ओर से तीव्र आंदोलन कर दोषियों पर कार्रवाई का दबाव डाला जाएगा.

– बबलू शेखावत, पक्ष नेता

  • इस मामले में विभागीय जांच होनी चाहिए. वहीं जो समिती जांच कर रही है, उनमें अधिकारी द्वारा पारदर्शकता से जांच करनी चाहिए. जो अधिकारी, कर्मचारी इस मामले में दोषी हैं, उन पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. जो निर्दोष है उन पर कार्रवाई न हो, लेकिन जो दोषी है, फिर चाहे वह कोई भी अधिकारी हो, उसे बख्शा न जाये

– चेतन पवार बसपा गटनेता

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