अमरावती

मनपा के शिक्षा व नगर विकास विभाग को हाईकोर्ट का नोटीस

पुरानी पेंशन योजना लागू करने हाईकोर्ट में याचिका

  • चार सप्ताह में दाखिल करना होगा जवाब

अमरावती/दि.2 – राज्य सरकार की सेवा में 1 नवंबर 2005 को अथवा उसके बाद नियुक्त होने वाले मनपा व नगर पालिका कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने तथा वित्त विभाग ने जारी किये हुए डीसीपीएस व एनपीएस का शासन निर्णय रद्द करने के लिए अमरावती मनपा के शाला के शिक्षक योगेश पखाले व अन्य शिक्षकों की ओर से नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. उसके अनुसार न्यायालय ने शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग सचिव, वित्त विभाग सचिव, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, उपशिक्षण संचालक पुणे व अमरावती विभाग, आयुक्त तथा संचालक नगर परिषद प्रशासन संचालनालय मुंबई, आयुक्त व प्रशासन अधिकारी मनपा अमरावती समेत अन्य भी पालिका के प्रमुखों को नोटीस जारी कर हाजिर होने के लिए 4 सप्ताह की मुदत दी है.
न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ की समक्ष बुधवार 30 जून को सुनवाई हुई. सरकार के वित्त विभाग ने 1 नवंबर 2005 को अथवा उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य कर्मचारियों के लिए पूर्व की पुरानी पेंशन योजना बंद कर नई अंशदान निवृत्ति योजना लागू की है. उसी तर्ज पर कुछ मनपा व नगर पालिकाओं ने भी उनके कर्मचारियों के लिए यह नई अंशदान निवृत्ति योजना (डीसीपीएस) नगर विकास विभाग की पूर्व अनुमति के बगैर लागू की. पिछले 15 वर्षों से मनपा व नगर पालिका कर्मचारियों को कौनसी पेंशन योजना लागू है, इस बाबत सरकार ने कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया. जिससे 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी बगैर पेंशन के सेवा दे रहे है. उनका भविष्य अंधकारमय हुआ है तथा नई अंशदान निवृत्ति योजना आभासी व गलत रहने से इस योजना को पूर्व से ही विरोध होता था. जिससे ऐसी अन्यायकारक योजना के खिलाफ अनेक मनपा व नगर पालिका के शिक्षक व कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में याचिकाकर्ताओं ने यह शासन निर्णय व राष्ट्रीय निवृत्ति योजना लागू करने के साथ ही उसके चलते की जाने वाली एकतरफा वसूली भी स्थगित करने की मांग की है. याचिकाकर्ता योगेश पखाले, चेतना बोंडे व अन्य शिक्षकों की ओर से एड. अरविंद अंबेटकर, डी.पी.आर.कातनेश्वरकर, एड.केतन पोटे ने पक्ष रखा.

Related Articles

Back to top button