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बूब, राणा व वानखडे को नोटीस

सभी ने चुनावी खर्च कम बताया

* निर्वाचन महकमा सभी प्रत्याशियों के खर्च पर रख रहा नजर
* तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के चुनावी खर्च ब्यौरे में पाया गया भारीभरकम फर्क
अमरावती/दि.20 – आगामी 26 अप्रैल को अमरावती संसदीय सीट हेतु मतदान होना है. जिसके लिए इस समय सभी प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार में पसीना बहाने के साथ-साथ जमकर पैसा भी खर्च किया जा रहा है. निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपए तय कर रखी है. साथ ही प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार पर किये जाने वाले खर्च पर भी ‘शैडो ऑब्जर्वर’ द्वारा नजर रखी जा रही है. जिनके जरिए पता चला है कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र के तीनों प्रमुख प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार पर अच्छी खासी रकम खर्च करने के बावजूद उससे कई गुणा कम खर्च का ब्यौरा निर्वाचन विभाग को दिया है. ऐसे में चुनावी खर्च के ब्यौरे और प्रत्यक्ष खर्च की रकम में रहने वाले इस फर्क को देखते हुए निर्वाचन विभाग ने तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के नाम नोटीस जारी की है और उनसे इस संदर्भ में स्पष्टीकरण भी मांगा है.
इस संदर्भ में जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी व जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब ने अब तक अपना चुनावी खर्च 14 लाख 31 हजार 506 रुपए हुआ बताया है. जबकि शैडे ऑब्जर्वेशन रजिस्टर के मुताबिक दिनेश बूब द्वारा अब तक 67 लाख 11 हजार 960 रुपए खर्च किये गये है. यानि दिनेश बूब ने 52 लाख 80 हजार 454 रुपयों के चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है.
इसी तरह भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा ने निर्वाचन विभाग को 10 लाख 62 हजार 588 रुपयों के खर्च का ही हिसाब-किताब दिया है. जबकि शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर के मुताबिक नवनीत राणा ने 50 लाख 53 हजार 473 रुपए का खर्च किया है. यानि निर्वाचन विभाग के मुताबिक नवनीत राणा की ओर से 39 लाख 90 हजार 885 रुपयों के खर्च का ब्यौरा छिपाया गया.
इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी बलवंत वानखडे ने अब तक केवल 6 लाख 25 हजार 675 रुपए के ही चुनाव खर्च का ब्यौरा प्रस्तूत किया है. जबकि शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर के मुताबिक कांगे्रस प्रत्याशी बलवंत वानखडे द्वारा अब तक 53 लाख 17 हजार 762 रुपए चुनाव प्रचार में खर्च किये जा चुके है. यानि निर्वाचन विभाग के मुताबिक बलवंत वानखडे ने 46 लाख 92 हजार 87 रुपयों के खर्च का कोई हिसाब-किताब नहीं दिया है.
शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर के जरिए यह जानकारी सामने आते ही जिलाधीश व जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी कार्यालय ने इन तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के नाम नोटीस जारी करते हुए उन्हें नोटीस प्राप्त होने के बाद अगले 48 घंटों के भीतर अपना स्पष्टीकरण निर्वाचन संनियंत्रण कक्ष के समक्ष लिखित तौर पर प्रस्तुत करने हेतु कहा है. साथ ही यह भी बताया गया है कि, संबंधित प्रत्याशियों द्वारा तय समय के भीतर स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने पर उन्हें उपरोक्त उल्लेखित खर्च के आंकडे मान्य है, ऐसा ग्राह्य मानते हुए उपरोक्त रकम को उनके चुनावी खर्च में समाविष्ट कर लिया जाएगा. साथ संबंधित प्रत्याशियों को उसके चुनावी खर्च से संबंधित रकम को अपने चुनावी खर्च के ब्यौरे में शामिल करना होगा.

* 2 प्रत्याशियों ने चुनावी खर्च का ब्यौरा ही नहीं दिया
इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आयी है कि, पिपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटीक) के प्रत्याशी अविनाश हरीशचंद्र धनवटे तथा निर्दलीय प्रत्याशी ज्ञानेश्वर काशिराम मानकर द्वारा अपने चुनाव प्रचार से संबंधित दैनंदीन खर्च के ब्यौरे को जांच हेतु उपलब्ध ही नहीं कराया गया है. जिसके चलते इन दोनों प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च के ब्यौरे सहित नियोजन भवन स्थित निर्वाचन संनियंत्रण कक्ष के समक्ष उपस्थित रहने हेतु कहा गया है. साथ ही ऐसा नहीं करने पर उन्हें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 के तहत चुनावी खर्च का दैनंदीन ब्यौरा प्रस्तुत करने में नाकाम रहने का दोषी माना जाएगा. साथ ही उनके खिलाफ भादंवि की धारा 171 (1) के तहत शिकायत दर्ज करते हुए उन्हें वाहन एवं सभा हेतु दी गई सभी अनुमतियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा.

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