बहिरम यात्रा की परंपरा में नवीनता, एक राहुटी फाइव स्टार
हर वर्ष व्यवस्था में हो रहा है बदलाव
परतवाडा/दि.2– बदलते समय के साथ बहिरम यात्रा में राहुटी की परंपरा और संस्कृति कायम है. इसमें एक राहुटी फाइव स्टार है. यह फाइव स्टार राहुटी राजस्थान के मान्यवरों, मेहमानों का आकर्षण बनी हुई है. यात्रा के दौरान राजस्थान के नेता, मंत्री और वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी इस फाइव स्टार राहुटी में आकर गए हैं. हर वर्ष बहिरम यात्रा में छोटी-बडी करीबन 75 राहुटी लगती है.
* काले-पाटिल की राहुटी
कांडली के सुरेश काले और परतवाडा के प्रवीण पाटिल की राहुटी चर्चा में रहती है. इस राहुटी की व्यवस्था शानदार है. इस राहुटी पर भी मान्यवरों की भीड देखने मिलती है.
* राजस्व विभाग की राहुटी
राजस्व विभाग की भी स्वतंत्र राहुटी यात्रा के दौरान कुछ दूरी पर खेत में देखने मिलती है. इस राहुटी पर केवल राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और पटवारियों की भीड रहती है.
* राहुटी का आकर्षण
राहुटी में बैठकर गप्पे मारना, भोजन करना और राहुटी में ही बैठते आ सके और उस राहुटी को आकर्षक रखने का प्रयास रहता है. जिनकी राहुटी नहीं है वह भी राहुटी में भोजन देते आ सकता है इस बाबत विचार करते हैं.
* प्रतिष्ठा मानी जाती है
बहिरम यात्रा में राहुटी लगाना यह प्रतिष्ठा माना जाता है. 1955 तक बहिरम यात्रा में विशेष लोगों की राहुटी अधिक रहती थी. 1955 के बाद उसमें बदलाव हुआ. जिनकी क्षमता है उन सभी की राहुटी यात्रा में लगने लगी.