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10 वीं की बजाय अब 12 वीं बोर्ड

माध्यमिक का अंतिम चरण 11 वीं होगी

* स्नातक का कोर्स चार साल का
अमरावती/ दि. 22- प्रदेश की नई शिक्षा नीति का 2022-23 से क्रियान्वयन हो रहा है. स्नातक की उपाधि चार वर्ष की पढाई पश्चात मिलेगी. उसमें चरण दर चरण विद्यार्थी आगे बढेगा. ऐसे में माध्यमिक शिक्षा का अंतिम पडाव कक्षा 11 वीं होगी. इस स्तर पर क्षमता परीक्षा होगी. कक्षा 12 वीं में बोर्ड की परीक्षा होगी. जानकारों ने यह बात बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन परिषद में पदवी शिक्षा की श्रेणी का मूल्यांकन होगा. मापदंड पर खरा न उतरनेवाले शिक्षा संस्थानों पर दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है.
10 वीं बोर्ड रद्द कर 11 वीं बोर्ड की परीक्षा का ऐलान पहले के अध्यादेश में किया गया था. अब उसे बदलकर 12 वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा ली जाएगी. ऐसी घोषणा हुई है. जिससे संभ्रम का वातावरण है. स्नातक के पहले वर्ष में प्रमाणपत्र परीक्षा होगी, ऐसी घोषणा दूसरी तरफ बोर्ड परीक्षा होने की भी संभावना जताई गई है.
नए शैक्षणिक वर्ष में लागू शिक्षा नीति के पहले चरण में पहली से पांचवी की कक्षा पूर्व प्राथमिक का पहला चरण होगी. पहले यह चौथी कक्षा तक था. अब उसे एक वर्ष बढाया गया है. उसके बाद प्राथमिक को पांचवी से सातवी के स्थान पर अब छठवी से आठवीं किया गया है. नई शिक्षा नीति ने सभी को अवसर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा विद्यार्थियों की पंसद पर आधारित शिक्षा इन तीन स्तंभ को अधोरेखित किया गया है. 2030 के शाश्वत विकास कार्यक्रम से जोडा गया है.
नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षा को लेकर बडे दिनों से सवाल पूछा जा रहा था. अब स्पष्ट हो गया कि 12 वीं की परीक्षा बोर्ड की होगी. जिसमें कक्षा तीसरी, कक्षा पांचवी, कक्षा आठवीं, कक्षा 11 वीं स्तर पर क्षमता परीक्षा ली जाएगी. अध्यापको हेतु राष्ट्रीय व्यवसायिक मापदंड तैयार किए गए हैं.
डिग्री कोर्स में पहले वर्ष प्रमाणपत्र, दूसरे वर्ष प्रगत पदविका, तीसरे वर्ष डिग्री और चौथे वर्ष डिग्री विथ रिसर्च ऐसे प्रमाणपत्र दिए जाएंगे. वैद्यकीय और कानून की पढाई के अलावा उच्च शिक्षा हेतु एकमात्र उच्च संस्था रहेगी. उसे राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नियामक परिषद नाम दिया गया है. ऐसे ही राष्ट्रीय मूल्यांकन परिषद भी होगी. जो मापदंडों का आनंद नहीं करनेवाले संस्थानों को दंडित भी करेगी.

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