अमरावती

अब शहर के ६ श्मशान घाटों पर अंत्येष्टि का प्रबंध

सभी घाटों पर सामान्य मृतदेहों सहित कोविड संक्रमित शवों का भी होगा अंतिम संस्कार

  • सभी श्मशान भूमियों में उपलब्ध कराई जायेगी हर तरह की सुविधा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१ – विगत कुछ समय से अमरावती में कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का आंकडा बढ़ गया है. जिनका अंतिम संस्कार अब तक हिन्दु मोक्षधाम में ही कराया जाता था. साथ ही शहर के अलग-अलग इलाकों में प्राकृतिक व सामान्य स्थिति में मृत्यु को प्राप्त होनेवाले लोगों की मृतदेह भी ज्यादातर हिन्दु मोक्षधाम में ही लाए जाते है. ऐसे में हिन्दु मोक्षधाम में दहासंस्कार संबंधित काम का काफी अधिक बोझ पडऩे लगा था. साथ ही यहां पर अंतिम संस्कार हेतु शवों को लंबा इंतजार भी करना पड़ रहा था. इस बात की मद्देनजर अमरावती मनपा प्रशासन द्वारा शहर में स्थित अन्य पांच श्मशान घाटों पर तमाम आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध करना शुरू किया गया. जिसके तहत पहले चरण में विलासनगर व शंकर नगर परिसर स्थित श्मशान भूमियों मेें कोविड मृत्यु सहित सामान्य मृतदेहों का अंतिम संस्कार करने हेतु तमाम आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. वहीं अब दूसरे चरण में रहाटगांव, फ्रेजरपुरा व वडाली (एसआरपीएफ कॅम्प) परिसर स्थित श्मशान भूमियों में भी अंत्येष्टि हेतु तमाम सुविधाए उपलब्ध कराई गई है. साथ ही प्रशासन द्वारा आवाहन किया गया है कि संबंधित परिसर में रहनेवाले लोग अपने यहां किसी व्यक्ति की मौत होने पर अपने ही परिसर में स्थित श्मशाम भूमि में मृतक के शव का अंतिम संस्कार करे ताकि हिन्दू श्मशान भूमि पर काम के अनावश्यक बोझ को कम किया जा सके. इसके साथ ही प्रशासन में यह भी तय किया है कि यदि कोविड संक्रमण से मरनेवालों की संख्या अधिक रहती है और हिन्दू मोक्षधाम में जगह व साधन कम पड़ते दिखाई देते है तो कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार भी तमाम तरह की सावधानियां बरतते हुए शहर की अन्य श्मशाम भूमियों पर किया जायेगा.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए निगमायुक्त प्रशांत गोडे ने बताया कि इन दिनों शहर में रोजाना औसतन कोविड संक्रमण की वजह से २५ लोगों की मौत हो रही है. साथ ही अन्य वजहों के चलते मरनेवालों की संख्या भी औसतन १५ के आसपास है. ऐसे में यदि अधिकांश शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू मोक्षधाम में ही कराया जाता है तो अंत्येष्टि की प्रक्रिया में काफी अधिक समय लगता है और यहां पर सभी शवों की अंत्येष्टि निपटाने हेतु लंबी प्रतीक्षा भी करनी पड़ती है. ऐसे में हिन्दू मोक्षधाम में जगह व संसाधनों की कमी पडऩे लगी है. इस बात के मद्देनजर प्रशासन द्वारा शहर की अन्य श्मशान भूमियों को विकसित करने तथा वहां पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रबंध किया है. साथ ही अब मनपा क्षेत्र में स्थित ६ श्मशान घाटों में कोविड संक्रमण की वजह से मृत होने वाले लोगों के शव पर अंतिम संस्कार किया जायेगा. साथ ही संबंधित क्षेत्र के नागरिको को भी चाहिए कि वे अपने घर परिवार में किसी की मौत होने पर अपने परिसर में स्थित श्मशान भूमि में ही शव का दहासंस्कार कराए. ताकि हिन्दू मोक्षधाम में दहासंस्कार हेतु अनावश्यक भीड़भाड़ न हो.

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