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अब शिवसेना के लिए और भी मुश्किल हो जाएगी बडनेरा की सीट

संसदीय चुनाव में बडनेरा से मिला 26,763 वोटों की कमी का झटका

* शिवसेना उबाठा में बडनेरा सीट से लडने के इच्छूक दावेदार भी काफी अधिक
* पार्टी पर भारी पड सकती है आपसी गुटबाजी व अंतर्कलह
* मविआ के अन्य दोनों घटक दलों को भी साधे रखने की चुनौती
अमरावती/दि.7 – संसदीय चुनाव के निपटते ही अब आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां और चर्चाएं शुरु हो गई है. चूंकि इस बार के लोकसभा चुनाव में अमरावती संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी व निवर्तमान सांसद नवनीत राणा को महाविकास आघाडी प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पडा. ऐसे में अब सभी की निगाहें बडनेरा विधानसभा सीट की ओर लग गई है. जहां से नवनीत राणा के पति व विधायक रवि राणा लगातार तीन बार विधायक निर्वाचित हो चुके है और इस बार विधायक रवि राणा अपना विजयी चौका लगाने की पूरी तैयारी में है. जिनके विजयरथ को रोकने के लिए संसदीय चुनाव में मिली जीत से उत्साहित महाविकास आघाडी के सभी घटक दलों की ओर से भी तैयारियां शुरु कर दी गई है. जिनमें राणा दम्पति के साथ विशेष अदावत रखने वाली शिवसेना उबाठा के पदाधिकारियों का खास तौर पर समावेश है. लेकिन संसदीय चुनाव के लिए बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान और भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा को मिली 26763 वोटों की लीड को देखते हुए कहा जा सकता है कि, शिवसेना उबाठा सहित महाविकास आघाडी के लिए बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में विधायक रवि राणा की चुनौति से पार पाना इतना भी आसान नहीं रहेगा.
बता दें कि, वर्ष 1962 में गठित बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में शुरुआत से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यानि कांग्रेस पार्टी का बोलबाला रहा. जिसके तहत कांग्रेस की ओर से पुरुषोत्तम देशमुख, मंगलदास यादव व प्रा. राम मेघे ने बडनेरा सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. वहीं वर्ष 1967 में रिपाई के कृष्णदेव श्रृंगारे इस सीट से विजयी हुए थे. परंतु वर्ष 1990 में शिवसेना के प्रदीप वडनेरे ने इस सीट पर जीत हासिल करते हुए बडनेरा विधानसभा क्षेत्र को शिवसेना का मजबूत गढ बना दिया. जिसके चलते वर्ष 1995 व 1999 में शिवसेना के ज्ञानेश्वर धाने पाटिल ने लगातार दो बार बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. लेकिन वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा आघाडी की ओर से राकांपा प्रत्याशी सुलभा खोडके ने यह सीट शिवसेना से छीन ली थी. जिनके विजयरथ को वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव दौरान राजनीति के अखाडे में बिल्कुल नये-नवेले रहने वाले निर्दलीय प्रत्याशी रवि राणा ने रोक दिया था और वर्ष 2009 से लेकर अब तक विधायक रवि राणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लगातार 3 बार बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव जीतते हुए हैट्रीक लगाई. साथ ही अब वे अपना विजयी चौका लगाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है.
चूंकि इससे पहले बडनेरा विधानसभा क्षेत्र भाजपा-शिवसेना युति के तहत हमेशा ही शिवसेना के कोटे में रहता आया है और शिवसेना ने इस सीट पर लगातार 3 बार जीत भी हासिल की है. ऐसे में अब भाजपा से अलग होकर महाविकास आघाडी का हिस्सा रहने वाली शिवसेना उबाठा द्वारा एक बार फिर बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपना दावा जताया जा रहा है. साथ ही पार्टी के कई पदाधिकारी बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रवि राणा के खिलाफ चुनाव लडने के इच्छूक भी है. जिनका उत्साह संसदीय चुनाव में विधायक राणा की पत्नी व भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की हार हो जाने के चलते काफी हद तक बढा हुआ भी है. परंतु चुनाव लडने के इच्छूक सेना पदाधिकारियों को यह भी ध्यान में रखना होगा कि, इसी संसदीय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा को मविआ प्रत्याशी बलवंत वानखडे के मुकाबले 26,763 वोटों की लीड हासिल की है और यह बात आगामी विधानसभा चुनाव में मविआ प्रत्याशी के लिए भारी पड सकती है. ध्यान देने योग्य बात है कि, वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव के समय तत्कालीन शिवसेना प्रत्याशी आनंदराव अडसूल ने बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से लीड हासिल की थी. लेकिन इसके बावजूद भी दोनों बार विधानसभा चुनाव के समय शिवसेना प्रत्याशियों को बडनेरा में हार का सामना करना पडा. वहीं इस बार तो लोकसभा चुनाव मेें ही मविआ प्रत्याशी के लिए करीब 26 हजार वोटों का गड्ढा बन गया. ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि, इस गड्ढे को विधानसभा चुनाव के समय भर पाना शिवसेना उबाठा या मविआ प्रत्याशी के लिए कितना भारी पड सकता है.

* शिवसेना उबाठा से कौन-कौन चुनाव लडने के इच्छुक?
लोकसभा का चुनाव निपटते ही अब शिवसेना उबाठा के स्थानीय पदाधिकारियों की पूरी नजर बडनेरा विधानसभा की ओर टीक गई है तथा कई इच्छुकों ने तो लोकसभा चुनाव के समय से ही अपनी दावेदारी के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष फिल्डिंग लगानी भी शुरु कर दी थी. राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडने की इच्छा रखने वालों में दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल तथा पिछला चुनाव लड चुकी प्रीति बंड के साथ ही शिवसेना के पूर्व सांसद अनंत गुढे, पार्टी के जिला प्रमुख सुनील खराटे, महानगर प्रमुख पराग गुडधे व विभागीय सचिव सागर देशमुख के नामों का समावेश है. इसके साथ ही शिवसेना के जिला सहसंपर्क प्रमुख रहने वाले सुधीर सुर्यवंशी भी एक बार फिर बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडने के इच्छुक बताये जाते है. इनमें से शिवसेना के जिला प्रमुख सुनील खराटे और महानगर प्रमुख पराग गुडधे विगत लंबे समय से बडनेरा विधानसभा क्षेत्र पर दावेदारी हेतु प्रयासरत है. लेकिन पिछली बार शिवसेना द्वारा पूर्व विधायक दिवंगत संजय बंड की पत्नी प्रीति बंड को प्रत्याशी बनाये जाने के चलते उन्हें मन मसोसकर रहना पडा. परंतु पूर्व विधायक संजय बंड के निधन की वजह से उपजी सहानुभूति लहर का प्रीति बंड को बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में कोई फायदा नहीं मिला. ऐसे में इस बार शिवसेना उबाठा के अन्य पदाधिकारियों द्वारा अपने खुद के लिए जोरदार फिल्डिंग लगाई जा रही है. जिसके तहत कुछ पदाधिकारियों ने कणकवली जाकर विनायक राउत तथा कुछ पदाधिकारियों ने पश्चिम मुंबई जाकर अरविंद सावंत हेतु लोकसभा चुनाव में प्रचार किया. साथ ही विधानसभा चुनाव के समय खुद का ध्यान रखने का निवेदन भी किया. चूंकि अब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके है. जिसमें कणकवली से विनायक राउत को हार का सामना करना पडा. वहीं पश्चिम मुंबई से अरविंद सावंत जीत गये, जो शिवसेना में विदर्भ क्षेत्र के संपर्क प्रमुख भी है. ऐसे में अरविंद सावंत के लिए मुंबई जाकर चुनाव प्रचार करने वाले शिवसेना उबाठा के स्थानीय पदाधिकारियों में अब अपनी दावेदारी को लेकर उत्सुकता का माहौल है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि, इस बार महाविकास आघाडी के तहत बडनेरा विधानसभा क्षेत्र किस घटक दल के कोटे में जाता है और यदि यह सीट मविआ के तहत शिवसेना उबाठा के कोटे में जाती है, तो शिवसेना उबाठा द्वारा अपने किस पदाधिकारी को तीन बार के विधायक रवि राणा के खिलाफ चुनौती के तौर पर पेश किया जाता है.
Nitin-Kadam-Amravati-Mandal
नितिन कदम भी दावेदारों की रेस में
विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत कई वर्षों से अपनी समाज सेवा के जरिए चर्चित एवं प्रसिद्ध रहने वाले उद्योजक व समाजसेवी नितिन कदम भी इस बार बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडने की तैयारी में दिखाई दे रहे है. जिन्होंने अमरावती संसदीय क्षेत्र में मविआ प्रत्याशी बलवंत वानखडे की जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा बडनेरा व भातकुली क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क करते हुए वानखडे के पक्ष में जमकर प्रचार भी किया. साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र के आम नागरिकों, किसानों व ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भी नितिन कदम काफी मुखर रहे. ऐसे में मविआ की ओर से नितिन कदम भी बडनेरा क्षेत्र में एक प्रबल दावेदार भी हो सकते है. इसके चलते दावेदारी को लेकर ही प्रतिस्पर्धा काफी रोचक रहने के पूरे आसार अभी से दिखाई दे रहे है.

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