मार्च माह में ली गई कक्षा १२ वीं और १० वीं की परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके है. विद्यार्थी के जीवन में इन २ कक्षाओं के सोपान जीवन के लिए काफी महत्व रखते है. क्योकी यह उनके जीवन का टर्निंग पोइंट रहता है. यहा उन्हें जीवन में कौनसा करियर स्वीकार करना है. इस बारे में चिंतन जरुरी हो जाता है. इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते स्थिति काफी बदली हुई है. इससे पूर्व तक परीक्षा फल घोषित होते ही जहां विद्यार्थी अपने भविष्य की योजना बनाने में लग जाते है. वहीं पर शाला, महाविद्यालय आरंभ होकर विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया शुरु हो जाती है. यहीं कारण है कि, विद्यार्थियों के लिए शिक्षा क्षेत्र का यह काल अत्यंत मायने रखता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण विद्यार्थी जो इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए है, वे अपना कौनसा करियर चुने इस बारे में सोच रहे है. खास कर विद्यार्थियों को करियर के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए अनेक संस्थाएं, नागरिक संगठन सक्रिय हो जाते है. इस वर्ष ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है. कुछ-कुछ स्थानों पर ऑनलाइन मार्गदर्शन किया जा रहा है.किंतु प्रत्यक्ष मार्गदर्शन व ऑनलाइन मार्गदर्शन में काफी अंतर है. यहीं कारण है कि, अनेक विद्यार्थी देश में प्रत्येक्ष मार्गदर्शन को प्राथमिकता दे रहे है. वर्तमान में अनिश्चित वातावरण रहने के कारण विद्यार्थी योग्य दिशा के विषय में जरा भी जानकारी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में विद्यार्थियों को डर है कि, उनके अभ्यासक्रम पूरा करने के बाद भी यदि ढंग से उनके कार्यक्षेत्र में उन्हें योग्य अवसर नहीं मिलता है, तो मानसिक रुप से विद्यार्थी चिंतीत हो सकता है. लगातार लॉकडाउन होने के कारण विद्यार्थी वैसे भी अपने अपने कार्यक्षेत्र को गति नहीं दे सके. अब कक्षा १० वीं और १२ वीं का परीक्षा फल घोषित हो चुका है. सरकार ने शिक्षा संस्था को बंद रखने का निर्णय लिया है. जिससे विद्यार्थियों के सामने अनेक कठिनाईयां बढ रही है. इस हालत में अब जरुरी है कि, सर्वप्रथम लोगों को ध्यान केंद्रीत करने का अवसर मिले. तथा वे अपने करियर का चयन कर सके. लेकिन लॉकडाउन यथाशीघ्र खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दिनों-दिन अमरावती में कोरोना के बढते खतरे को देखकर सरकार का दायित्व है कि व विद्यार्थियों को स्वयं के करियर के सजग बनाये. अमरावती में इसके पहले अनेक रोजगार मुलक व्यवहार वाले अभ्यासक्रम गतिशील नहीं है. इसलिए चिंता और बढ गई है. पहले यदि ऐसी स्थिति आती थी कि, लोग व्यथाशक्ति व आर्थिक वस्तुओं की सहायता से अपना कारोबार चला सकते है.
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में छोटे-मोटे रोजगार प्रभावित हुए है. पहले डिएड, बीएड,जैसे अभ्यासक्रम रोजगार मुलक थे. लेकिन अब इस क्षेत्र में अनेक बाधाएं है.क्योकी, लॉकडाउन या कोरोना का संक्रमण तीव्र हो गया तो, अनेक लोग अपना अभ्यासक्रम आरंभ करेंगे. उसे पूरा कैसे करें, यह प्रश्न भी सामने कायम रहेंगा. इसलिए सरकार को चाहिए कि, वे विद्यार्थियों को जो भी निर्णय लेकर प्रवेश की दिशा तय करने का कार्य कर सकते है. लेकिन लॉकडाउन में वे अपनी शिक्षा को जारी रखे हुए है. इस शिक्षा की उपयोगिता जनसामान्य को समझाना जरुरी है. विद्यार्थियों को करियर चयन के लिए प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं. भविष्य के लिए वे अपने कदम अभी से बढाना आरंभ कर सकते है. बेशक पूरी तरह लॉकडाउन हटने के बाद विद्यार्थी भविष्य की दिशा में कदम उठा सकते है. लेकिन जब तक लॉकडाउन है, वे अपनी प्रतिभा और निखार सकते है. विद्यार्थियों को यह भी सोचना होगा कि, वे अपनी शिक्षा का लक्ष व नोकरी हासिल करना यह रखते है. या फिर जीवन में अनेक सफल चिंतन है. इसलिए पढाई महत्वपूर्ण समझते है. कुलमिलाकर विद्यार्थियों के परीक्षा फल घोषित हो गये है. अब उन्हें योग्य मार्गदर्शन मिलना चाहिए. स्वयं विद्यार्थियों को भी भविष्य की दृष्टि से कौनसा अभ्यासक्रम उचित है, इसके बारे में भी सोचना चाहिए. बहरहाल कोरोना संक्रमण में भी विद्यार्थियों ने अपनी व्यवस्थित पढाई की. तथा सफलता हासिल की है. सभी विद्यार्थियों का भविष्य उज्वल हो, इस शुभकामनाएं है. साथ ही करियर चयन उन्हें सही दिशा मिले. इस बारे में भी सभी को प्रयास करना चाहिए.