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अब घडियाली आंसू बहा रहे हैं कांग्रेसी

समुदाय विशेष के वोटोें पर नजर रखकर किया जा रहा है तुष्टिकरण

* युवा स्वाभिमान ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप
* पूर्व पालकमंत्री ठाकुर व देशमुख के बयानों का निषेध भी किया
अमरावती/दि.12– विगत 21 जून को अमरावती में उमेश कोल्हे हत्याकांड किन वजहों के चलते घटित हुआ, यह बात 29 व 30 जून को ही उजागर हो गई थी. लेकिन तब से लेकर अब तक कांग्रेस के नेताओं को कोल्हे परिवार के यहां जाने की याद नहीं आयी और जब इसे लेकर हंगामा मचा, तो मुंह छिपाकर चोरी-छिपे तरीके से कांग्रेसी नेताओं ने कोल्हे परिवार के घर पर भेंट दी. लेकिन अब तक इस हत्याकांड का स्पष्ट शब्दों में निषेध भी नहीं किया. बल्कि अपनी चमडी बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाने की नौटंकी करते हुए घडियाली आंसू बहाये जा रहे है. इस आशय का आरोप युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में लगाया गया.
इस पत्रकार परिषद में युवा स्वाभिमान पार्टी के जिलाध्यक्ष जीतू दुधाने ने कहा कि, उमेश कोल्हे हत्याकांड का मुख्य मास्टरमाइंड शेख इरफान का युवा स्वाभिमान पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है. बल्कि वह सीधे तौर पर कांग्रेस का कार्यकर्ता है, लेकिन अपने पाप को छिपाने के लिए दोनोें पूर्व पालकमंत्रियों द्वारा बेसिरपैर के आरोप लगाये जा रहे है. इसके अलावा उमेश कोल्हे हत्याकांड के तुरंत बाद उस समय पालकमंत्री रहनेवाली यशोमति ठाकुर ने अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह पर दबाव डालते हुए इस हत्या की वजह को राहजनी व झपटमारी से जुडी वारदात दर्शाने का प्रयास भी किया था. लेकिन जिले की सांसद नवनीत राणा ने यह मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने उठाया. जिसके चलते मामले की जांच करने के लिए एनआईए अमरावती पहुंची और इसके बाद मामले से जुडी मुख्य वजह सबके सामने आयी. इस पत्रवार्ता में यह भी बताया गया कि, उमेश कोल्हे के परिवार और राणा दम्पति के काफी पहले से पारिवारिक संबंध है और दो माह पूर्व ही सांसद नवनीत राणा के दिल्ली स्थित बंगले पर उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे सपत्नीक जाकर आये है. यही वजह है कि, कोल्हे हत्याकांड की जानकारी मिलते ही सबसे पहले विधायक रवि राणा और सांसद नवनीत राणा ही कोल्हे परिवार के घर पर पहुंचे थे. ऐसे में यह आरोप लगाना बेहद हास्यास्पद है कि, कोल्हे हत्याकांड के आरोपियों का राणा दम्पति या युवा स्वाभिमान पार्टी से कोई संबंध है. उल्टे खुद राणा दम्पति और युवा स्वाभिमान पार्टी ने ही इस मामले की जांच को लेकर दिल्ली तक आवाज उठाई थी. ऐसे में दोनों पूर्व पालकमंत्रियों यशोमति ठाकुर व डॉ. सुनील देशमुख सहित कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाये जानेवाले आरोप बेहद हास्यास्पद व बचकाना है.
इस समय युवा स्वाभिमान के जिलाध्यक्ष जीतू दुधाने ने यह भी कहा कि, हमें इस दुर्भाग्यजनक घटना का पॉलीटिकल इवेंट करने की कोई आवश्यकता नहीं है. हमने खुलेआम इस घटना का तीव्र निषेध किया और कोल्हे परिवार के साथ हम पूरी ताकत से खडे रहे. लेकिन पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर इस घटना के 20 दिन बाद कोल्हे परिवार के यहां चोरी-छिपे तरीके से जाती है और सहानुभूति का नाटक करती है, ताकि वे अपने लिये समुदाय विशेष के वोटों को सुरक्षित रख सके. कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर का यह ढोेंग अब सबके सामने आ गया है. जिसका हम निषेध करते है. इस पत्रवार्ता में पूर्व पार्षद सुमति ढोके व आशिष गावंडे, पूर्व जिप सदस्य दिनेश टेकाम, पार्टी के महानगर संपर्क प्रमुख नितीन बोरेकर, प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद जायलवाल, किशोर पिवाल, विनोद गुहे, संगीता कालबांडे, अनिल मिश्रा, सुधाकर शेंदूलकर, मंगेश चव्हाण तथा प्रवक्ता मिलींद कहाले आदि उपस्थित थे.

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