अब बनेगा मनपा का कोविड अस्पताल
चेतन पवार के प्रयास को आमसभा ने दी मंजूरी, पवार ने अपनी वार्ड विकास निधि देने की घोषणा की
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१९ – जिले में कोरोना की बढती तादाद को देखते हुए मुंबई व सांगली महानगर पालिका की तर्ज पर अमरावती महानगर पालिका में भी खुद के कोविड अस्पताल का निर्माण किया जाए, ऐसी मांग बसपा गुटनेता चेतन पवार द्बारा आमसभा में प्रस्ताव रखकर की गई थी. जिसे शुक्रवार की आमसभा ने सर्वसम्माति से मंजूरी दे दी. जिसके चलते अब शीघ्र ही अमरावती महानगर पालिका का स्वयं का कोविड अस्पताल होगा. इस विषय पर आमसभा में चर्चा करते समय चेतन पवार ने कहा कि, qनभोरा स्थित होस्टल की जगह पर इस कोविड अस्पताल का निर्माण किया जा सकता है. जिसे प्रशासन द्बारा अपने ताबे में लेकर शीघ्र ही यहा कोविड अस्पताल बनाने की प्रक्रिया शुरु की जा सकती है. साथ ही बडनेरा रोड स्थित मोदी अस्पताल में भी मनपा का नियमित कोविड अस्पताल बनाया जा सकता है. काफी देर तक इस विषय पर चर्चा करने के बाद अंतत: उपयाक्त पाटिल ने इस विषय को मंजूरी दी. चेतन पवार ने इस अस्पताल के लिए अपनी वार्ड विकास निधि देने की घोषणा भी की. वहीं यह भी कहा कि, कुछ ही दिन पहले महानगर पालिका को सरकार की ओर से कोविड फंड हेतु १.४० करोड रुपए प्राप्त हो चुके हैं. यह निधि कोविड अस्पताल के लिए इस्तेमाल किये जाने की सूचना भी पवार ने इस समय दी. इस अस्पताल में डॉक्टर व कर्मचारियों का स्टाफ जल्द ही नियुक्त किया जाए, पवार के इस प्रस्ताव को आखिरकार मंजूरी दी गई. स्थानीय कॉटन मार्केट स्थित जिqनग प्रेस की जगह को लेकर आमसभा में काफी देर तक बहस की गई. बताया जाता है कि, २००१ में संबंधित जिनिंग के २० प्लॉट मनपा के ताबे में थे २०२० में यह प्लॉट जिqनग प्रेस ने मनपा को ८६ लाख रुपए देकर दोबारा अपने ताबे में ले लिया. मगर यह व्यवहार करते समय मनपा के आमसभा की या फिर स्थाई समिति की मंजूरी प्रशासन द्बारा न लिये जाने की बात को लेकर आमसभा में काफी घमासान हुआ. तुषार भारतीय, प्रकाश बनसोड, चेतन पवार, सलीम बेग ने इस विषय को लेकर काफी देर तक चर्चा की. इन सभी पदाधिकारियों ने कहा कि, यह घोटाला तकरीबन ४० करोड रुपए के आसपास है, जिसकी बारीकी से जांच की जानी चाहिए. प्रकाश बनसोड ने कहा कि, मैं १९९७ से आमसभा में हूं, मगर आज तक इतने बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार होते हुए नहीं देखा. एक ओर कोरोना की महामारी से सभी त्रस्त हैं. दूसरी ओर मनपा प्रशासन अपना मनमाना कामकाज चलाते हुए करोडों रुपए का व्यवहार आमसभा में न रखते हुए स्वयं कर रही है. जबकि कोई भी आर्थिक व्यवहार या मंजूरी की जानी है, तो उसके सबसे पहले स्थाई समिति या फिर आमसभा की मंजूरी लेना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. चेतन पवार ने कहा कि, प्रशासन द्बारा किये गए आर्थिक व्यवहार की जानकारी आमसभा या स्थाई समिति के समक्ष रखना जरुरी था, मगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया. ऐसे में इस पूरे मामले की जांच करना आवश्यक है. भले ही मनपा पदाधिकारियों ने इस व्यवहार को घोटाले का नाम देकर जांच की मांग की है. लेकिन मनपा आयुक्त ने ऑनलाइन के जरिये इस पूरे मामले में मनपा का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है. अगर आमसभा को लगता है, मामले में अनियमितता हुई है तो आगामी आमसभा में पूरी जानकारी रखी जाएगी. सभा में नाममात्र थी उपस्थिति : शुक्रवार की आमसभा में अधिकतर पदाधिकारी और अधिकारी मौजूद नहीं थे. जिसके चलते एक भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई. सभी प्रस्ताव पर चर्चा कर आगामी आमसभा में मंजूरी दी जाएगी. यह बात आमसभा द्बारा की गई. महापालिका की ऑनलाइन आमसभा में मनपा आयुक्त सहित महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारी क्वारेंटाइन होने से सभा में अधिकारी-पार्षदों की उपस्थिति नाममात्र ही थी.
मनपा को मिले १.३९ करोड
महानगर पालिका प्रशासन को कोरोना की इस महामारी में नियोजन करने हेतु मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे ने विगत १५ अगस्त को जिला नियोजन समिति को पत्र देकर कोविड फंड की मांग की थी. जिसे मंजूरी मिलते ही मनपा को १.३९ करोड रुपए प्राप्त हो चुके है. प्रशासन इस फंड का इस्तेमाल कोविड मरीजों के लिए करेगा.
पूर्व महापौर चिमोटे ने उठाया पदोन्नति का मामला
पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने महानगर पालिका के पदोन्नति का मामला उठाकर मनपा के आस्थापना अंतर्गत अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति को मंजूरी दिए जाने की मांग की. जहां मनपा आयुक्त ने इस मांग पर अनुकूलता दिखाते हुए शीघ्र ही जिला नियोजन समिति की बैठक में यह विषय रखकर मनपा में बैठक लेकर निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया.
तारखेडा इमारत में बनाएं कोविड अस्पताल
स्थानीय तारखेडा स्थित मनपा की इमारत में कोविड अस्पताल शुरु करने की मांग इस एमआईएम के गुटनेता अब्दूल नाजिम ने की. उन्होंने कहा कि, तारखेडा में मनपा की इमारत फिलहाल खाली पडी है. यह इमारत महिला अस्पताल के लिए मंजूर की गई थी. लेकिन कोविड के बढते मरीजों को देखते हुए इस विदारक स्थिति में २० बेड का कोविड अस्पताल शुरु करने की मांग की गई. नाजिम के इस प्रस्ताव को आमसभा ने मंजूरी दे दी.