शालेय गणवेश में राजनीतिक हस्तक्षेप रोकने अब सीधी निधी लाभ
2.87 करोड रूपयों की निधी मिली, व्यवस्थापन समिती के पास निर्णय
अमरावती/दि.24 – जिला परिषद की शालाओें में विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश दिया जाता है. जिनका वितरण शाला शुरू होते ही किया जाता है. किंतु इस वर्ष कोविड संक्रमण के चलते महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षा परिषद ने यह निधी कुछ विलंब से उपलब्ध कराया. ऐसे में विद्यार्थियों को गणवेश खरीदने में देरी हुई. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि गणवेश खरीदी में प्रतिवर्ष स्थानीय राजनीतिक हस्तक्षेप होता है. जिसे रोकने के लिए अब शाला व्यवस्थापन समिती को पूरे अधिकार दिये गये है. ऐसे में अब किस रंग और कपडे का कौनसा पैटर्न उपयोग में लाया है, इसका निर्णय व्यवस्थापन समिती द्वारा लिया जायेगा.
जानकारी के मुताबिक प्रत्येक लाभार्थी को एक गणवेश के लिए 300 रूपये के हिसाब से गणवेश निधी उपलब्ध करायी जा रही है. जिसके लिए 2 करोड 87 लाख 94 हजार 900 रूपयों की निधी जिला प्रशासन द्वारा शालेय स्तर पर वितरित की जा चुकी है.
गडबडी पर नियंत्रण
इससे पहले गणवेश के मसले पर जिला परिषद में वातावरण गरमाया रहता था. किंतु अब शाला व्यवस्थापन समिती को संपूर्ण अधिकार दिये जाने के चलते सारी गडबडिया टल गयी है. किस रंग का कौनसा गणवेश खरीदना है, इसके बारे में निर्णय लेने का अधिकार शाला व्यवस्थापन समिती को दिया गया है और विद्यार्थी संख्या नुसार विद्यार्थियों की पुरी सूची भी शाला व्यवस्थापन समिती को सौंप दी गई है.
- इस बार कोरोना की वजह से शालेय विद्यार्थियों के गणवेश हेतु सरकार की ओर से निधी मिलने में विलंब हुआ. यह निधी शिक्षा विभाग द्वारा पंचायत समिती को वितरित किया गया. पश्चात शालाओं को गणवेश हेतु निधी उपलब्ध कराया गया और शालेय स्तर पर गणवेश खरीदी की प्रक्रिया चल रही है.
– सुरेश नीमकर
सभापति, शिक्षा समिती जिप - कुछ माह पूर्व गणवेश के लिए रकम प्राप्त हुई है. गणवेश हेतु आवश्यक कपडा आयएसओ मार्क रहना चाहिए, ऐसी शर्त रहने के चलते गणवेश खरीदी में कुछ दिक्कतें आ रही है. इस बारे में वरिष्ठ स्तर पर कुछ समाधान निकाला जाना चाहिए. अन्यथा शाला व्यवस्थापन समिती को निर्णय लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
– गोविंद चव्हाण
जिलाध्यक्ष, मुख्याध्यापक संगठन
आयएसओ कपडा
शालेय विद्यार्थियों के गणवेश हेतु लगनेवाला कपडा आयएसओ मानांकन युक्त हो. ऐसा आदेश है. किंतु कपडे को लेकर लगायी गयी यह शर्त कुछ हद तक सिरदर्द साबित हो रही है.
1578 – जिप शाला
92 – नगर परिषद शाला
1,14,281 – कुल विद्यार्थी
47,319 – छात्र
66,962 – छात्राएं
1,14,281 – गणवेश की जरूरत
2,87,94,900 – प्राप्त निधी