अमरावती प्रतिनिधि/दि.३०- राज्य के जिला परिषद स्कूल में से 300 स्कूलों को आदर्श के रुप में विकसित करने का महत्वपूर्ण निर्णय राज्य शासन ने लिया है. इन स्कूलों में केवल पाठ पढाने की बजाए पाठ्य पुस्तक से अलग हटकर विद्यार्थियों को आधुनिक दुनिया का ज्ञान प्रदान किया जाएगा. इस स्कूल में पुस्तक के ज्ञान से हटकर बच्चों को पढाने पर जोर दिया जाएगा. खास बात यह है कि विद्यार्थियों को बस्ते के बोज से मुक्ति दिलाने के लिए हर शनिवार को बस्ता मुक्त स्कूल का प्रयोग किया जाएगा.
विद्यार्थियों को अच्छे दर्जे की पढाई कराने के लिए राज्य के 300 स्कूल, इसमें जिले के 13 स्कूल आदर्श स्कूल के रुप में विकसित करने की घोषणा मार्च में लिये गए विधिमंडल के अधिवेशन में की गई थी. जिसपर अब अमल किया जा रहा है. इस योजना में राज्य के हर तहसील से जिला परिषद स्कूल का चयन किया जाएगा. पहले चरण में जिले के 13 स्कूलों का चयन किया गया है. चुने गए आदर्श स्कूल में कक्षा 1ली से कक्षा 7वीं तक स्कूलों का समावेश है और जरुरत पडी तो 8वीं की कक्षा भी जोडी जाएगी. विद्यार्थियों को सप्ताह में एक बार कम से कम एक दिन बस्ते के बोज से मुक्ति दिलाने के लिए हर शनिवार को बस्ता मुक्त स्कूल यह उपक्रम चलाए जाने की योजना शिक्षा विभाग ने तैयार की है. आदर्श स्कूल में आदर्श वातावरण देखकर अन्य स्कूल छोडकर इस स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश देने के लिए पालक पहल करेंगे, इस तरह से स्कूल में शिक्षा देने का प्रयास इसके माध्यम से किया जाएगा.
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ऐसी रहेगी आदर्श स्कूल
आदर्श स्कूल में भौतिक सुविधा के रुप में स्वतंत्र शौचालय, पीने के पानी की अच्छी व्यवस्था, क्लास रुम, आकर्षक इमारत, खेल का मैदान, आधुनिक लैब, सुसज्जित ग्रंथालय का समावेश रहेगा, इसके अलावा शैक्षिणक गुणवत्ता में विद्यार्थियों को सिखाने के लिए उत्तम पोषक वातावरण निर्माण किया जाएगा.