अब कक्षा 5 वीं व 8 वीं में फेल होना पडेगा भारी
अगले वर्ष भी रहना पडेगा उसी कक्षा में
* उत्तीर्ण होने के लिए पूरक परीक्षा का भी मिलेगा मौका
अमरावती /दि.7– बाल मानसिकता का विचार करते हुए वर्ष 2009 के नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम यानि आरटीई कानूने के तहत करीब एक दशक पहले पहली से आठवी कक्षा में पढने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा लेना बंद कर दिया गया था. लेकिन अब कक्षा 5 वीं व 8 वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा लेना शुरु करने का निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है. अप्रैल माह के दौरान ली जाने वाली वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहने वाले विद्यार्थियों को जून माह के दौरान पूरक परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. लेकिन इसमें भी अनुत्तीर्ण रहने वाले विद्यार्थी को अगले शैक्षणिक सत्र के लिए उसी कक्षा में रखा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, शालेय जीवन मेें परीक्षा को बेहद महत्वपूर्ण व अविभाज्य घटक माना जाता है. किसी समय कक्षा चौथी व कक्षा सातवी की केंद्र परीक्षाएं ली जाती थी और इन परीक्षाओं की वजह से विद्यार्थियों की वास्तविक गुणवत्ता की स्थिति पता चलती थी. परंतु शिक्षा, कानून व बालमानस शास्त्र विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन पश्चात दी गई रिपोर्ट के चलते कक्षा पहली से कक्षा आठवी तक ली जाने वाली परीक्षाओं को ही रद्द कर दिया गया और यह व्यवस्था की गई कि, कक्षा पहली से कक्षा आठवी के विद्यार्थियों को बिल्कुल अनुत्तीर्ण नहीं किया जाएगा और साल दरसाल अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा. यह एक तरह से शिक्षा व परीक्षा पद्धति में बडा बदलाव था.
पहले वार्षिक परीक्षा होने पर परीक्षा परिणाम के समय अंक पत्रिका मिला करती थी तथा कक्षा में कौन किस नंबर पर है, यह भी पता चलता था. लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए अंकों की बजाय श्रेणी लिखी जाती है और इस तरह से शालेय जीवन में परीक्षा के महत्व को काफी हद तक कम कर दिया गया. परंतु इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि, कक्षा आठवी तक परीक्षा और प्रतिस्पर्धा की आदत नहीं रहने के चलते आगे चलकर विद्यार्थी कक्षा 10 व कक्षा 12 वीं की परीक्षाओं सहित आगे की पढाई में अटकने लगे और उनका प्रदर्शन भी प्रभावित होने लगा.
* अप्रैल में वार्षिक व जून में पूरक परीक्षा
प्रतिवर्ष अप्रैल माह में कक्षा पांचवी व कक्षा आठवी की वार्षिक परीक्षा ली जाएगी. जिसके तहत कक्षा पांचवी हेतु भाषा, गणित व परिसर अभ्यास तथा कक्षा आठवी हेतु भाषा, गणित, विज्ञान व सामाजिक शास्त्र विषयों की लिखित परीक्षा ली जाएगी. इस परीक्षा में ग्रेस अंक जोडकर भी अनुत्तीर्ण रहने वाले विद्यार्थियों की जून माह के दूसरे सप्ताह में पूरक परीक्षा ली जाएगी. जिसके लिए ग्रीष्मावकाश के दौरान मार्गदर्शन भी किया जाएगा और यदि कोई विद्यार्थी इस पूरक परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण होता है, तो फिर उसे ‘नापास’ यानि फेल घोषित करते हुए अगले शैक्षणिक सत्र के दौरान दोबारा उसी कक्षा में बिठाया जाएगा.
* अब तक कक्षा 5 वीं व 8 वीं की परीक्षा नहीं ली जाती थी. लेकिन अब 5 वीं व 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षा हेतु शालेय स्तर पर ही प्रश्नपत्र निकाले जाएंगे और इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा देनी होगी. इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगले शैक्षणिक सत्र हेतु अगली कक्षा में भेजा जाएगा. इसे लेकर सरकार का पत्र प्राप्त हो चुका है और शिक्षा विभाग के जरिए सभी मुख्याध्यापकों व शिक्षकों को निर्देश दिये जा चुके है.
– मिलिंद कुबडे,
प्राचार्य, डायट.