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अब अमरावती में भी उजागर हुआ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामला

गाडगे नगर पुलिस ने किया 6 को नामजद

* अमरावती व बडनेरा के 3-3 लोगों का समावेश
* टीसी में कांटछांट करने का लगा है आरोप
* खुद तहसील कार्यालय ने पुलिस थाने में दी थी शिकायत
* शहर पुलिस कर रही मामले की गंभीरता से जांच
अमरावती/दि. 18 – कुछ दिन पहले अंजनगांव सुर्जी पुलिस थाने में जाली दस्तावेजों के आधार पर तहसील कार्यालय के जरिए गलत तरीके से जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए जाने का मामला उजागर हुआ था. जिसे लेकर अंजनगांव सुर्जी पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. वहीं अब इसी तरह का मिलता-जुलता मामला अमरावती तहसील कार्यालय में भी सामने आया है. जिसे लेकर खुद तहसीलदार कार्यालय की ओर से गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दी गई है. जिसके आधार पर गाडगे नगर पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया है. इस मामले में नामजद 6 लोगों में अमरावती 3 व बडनेरा के 3 लोगों का समावेश है. साथ ही इन 6 लोगों में एक महिला का नाम भी शामिल है.
इस संदर्भ में अमरावती तहसील कार्यालय की नायब तहसीलदार टीना चव्हाण द्वारा गाडगे नगर पुलिस थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है कि, आरिफ खान रहमान खान (चपराशीपुरा), जमील खान कालम खान (नमूना मस्जिद के पास) तथा मो. निजामुद्दीन मो. हनिफ मुल्ला (बडनेरा), रहीम खान नियामत खान (बडनेरा वॉर्ड नं. 15), सैयद युसूफअली (मोमीनपुरा, बडनेरा) सहित छायानगर निवासी एक महिला ने जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन किया था. जिनके द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में से कुछ दस्तावेज फर्जी पाए गए है. इसमें से सभी 6 आवेदकों ने शाला छोडने के प्रमाणपत्र यानी टीसी में कांटछांट करते हुए फर्जी तरीके से अपने ही हाथों टीसी प्रमाणपत्र तैयार किया और उसे जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने हेतु आवेदन के साथ प्रस्तुत किया. यह बात जन्म प्रमाणपत्र जारी हो जाने के बाद की गई पडताल के बात सामने आई. इस शिकायत के आधार पर गाडगे नगर पुलिस ने बीएनएस की धारा 336 (3) व 340 (2) के तहत अपराध दर्ज करते हुए जांच शुरु की है.

* 4639 मिले थे आवेदन, 2830 प्रमाणपत्र जारी
इस संदर्भ में अमरावती तहसीलदार कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तहसीलदार कार्यालय को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का जिलाधीश के जरिए अधिकार मिलने के बाद से लेकर अब तक अमरावती तहसील कार्यालय के पास कुल 4639 आवेदन जन्म प्रमाणपत्र हेतु पहुंचे. जिसमें से 2830 आवेदकों को जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए. इनमें अमरावती व बडनेरा के शहरी क्षेत्र के 2300 तथा अमरावती तहसील में शामिल ग्रामीण क्षेत्र के 500 आवेदकों का समावेश रहा. तहसील कार्यालय के मुताबिक राज्य में फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग करते हुए जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए जाने के मामले सामने आने पर खुद तहसील कार्यालय ने अपने यहां से जारी जन्म प्रमाणपत्रों हेतु आए आवेदनों के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच-पडताल करनी शुरु की तो करीब 850 दस्तावेजों की जांच-पडताल करने पर पाया गया कि, इन 6 आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में गडबडियां थी और सभी ने असली टीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की बजाए अपने ही हाथों के कांटछांट कर तैयार किए गए टीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे. साथ ही आवेदकों के चलन में रहनेवाले नाम, आवेदन में रहनेवाले नाम और दस्तावेजो में दर्ज नाम में भी काफी अधिक फर्क पाया गया. जिसे तहसील प्रशासन को इन 6 आवेदकों के संदर्भ में संदेह हुआ, जिसके चलते इन सभी 6 आवेदकों के खिलाफ गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. साथ ही तहसील प्रशासन द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि, तहसील कार्यालय से जारी जन्म प्रमाणपत्रों की जांच-पडताल करने हेतु पुलिस, पटवारी व बीडीओ विभाग के साथ मिलकर संयुक्त जांच अभियान चलाया जाएगा और जिन-जिन लोगों ने अब तक तहसील कार्यालय से जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए है, उन सभी के घर-घर जाकर उनके दस्तावेजों की पडताल की जाएगी. साथ ही आसपडौस में रहनेवाले लोगों के जरिए उनकी जानकारी भी हासिल की जाएगी.

* अमरावती सहित राज्य में 7 हजार से अधिक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र
इसी बीच अंजनगांव मामले को लेकर आज अमरावती के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद से मुलाकात करने हेतु अमरावती पहुंचे भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने अमरावती तहसील कार्यालय की शिकायत पर गाडगे नगर थाने में दर्ज मामले की जानकारी मिलते ही गाडगे नगर पुलिस थाने को भी भेंट दी. इस समय भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दावा किया कि, राज्य में अमरावती, अकोला व मालेगांव सहित कुछ अन्य क्षेत्र में फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के अड्डे बने हुए है. जहां पर बडे पैमाने पर बाहर से आकर रोहिंग्या व बांग्लादेशी बस गए है. जिनके द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अब तक 7 हजार से अधिक जन्म प्रमाणपत्र अलग-अलग तहसील कार्यालयों से बनवा लिए गए है. यह अपनेआप में बेहद गंभीर मामला है. जिसकी बडी संजीदगी के साथ जांच-पडताल होनी चाहिए.

* अकोला में भी 11 के खिलाफ एफआईआर
उधर दूसरी ओर अकोला में भी फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले को लेकर 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. अकोला में इससे पहले भी विगत 3 फरवरी को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में 13 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. जिसके चलते अब अकोला में ऐसे मामलो की कुल संख्या 24 पर जा चुकी है. साथ ही अंदेशा जताया जा रहा है कि, अकोला जिले में ऐसे करीब 80 मामले सामने आ सकते है तथा करीब 80 बांग्लादेशीयों द्वारा फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए गए. इसी बीच यह संभावना भी जताई जा रही है कि, फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले को उजागर करनेवाले भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया एक बार फिर रामदासपेठ पुलिस थाने में भेंट दे सकते है. जिसके बाद वे पातूर तहसील कार्यालय का भी दौरा कर सकते है. अपने इस दौरे के दौरान भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा राजस्व एवं पुलिस प्रशासन को फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के मामले में कुछ सबूत सौंपे जाने की संभावना भी जताई जा रही है.

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