धामणगांव रेल्वे/दि.13- इस वर्ष मौसम विभाग द्वारा दर्शाएं गए अनुमान के मुताबिक किसानों ने तड़काफड़की बुआई पूर्व खेतों की मशागत का काम पूर्ण कर लिया है और बुआई की तैयारी भी कर ली है. बीज और खाद की खरीदी करने के लिए किसानों की कृषि केंद्र की दूकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है. बारिश होते ही बुआई होने वाली है. लेकिन जून माह का दूसरा सप्ताह शुरु होने के बावजूद अभी तक वातावरण में बारिश के संकेत दिखाई न देने से किसानों की नजरें अब आसमान की ओर टिकी है.
राज्य के कुछ जिलों में फर्जी बीज कंपनियों पर कार्रवाई की घटना घटित होने के कारण फर्जी खाद, बीज का संकट किसानों के सामने है. उधार, कर्ज लेकर तथा समय पर घर के आभूषणों की बिक्री अथवा गिरवी रख खरीदे गए बीज फर्जी निकलने पर अथवा फसल न आने पर कैसा होगा? ऐसे अनेक प्रश्न किसानों के सामने है. मानसून का आगमन समय पर होने का अनुमान मौसम विभाग के विशेषज्ञों ने दर्शाया था. इस कारण किसानों में हर्ष का वातावरण है. क्योंकि समय पर बारिश हुई तो बुआई समय पर होकर उत्पादन वृद्धि की अपेक्षा रहती है. इस कारण इस बार भीषण गर्मी रहने के बावजूद सभी काम छोड़कर किसानों ने बुआई पूर्व खेतों की मशागत के काम शुरु कर दिए थे. कम समय में मशागत के काम निपटाने के लिए अनेक किसानों ने उपकरणों की सहायता भी ली. ट्रैक्टर की सहायता से भी मशक्कत की गई. लेकिन अभी भी कुछ किसान पारंपारिक पद्धति से बैल जोड़ी की सहायता से खेती के काम करने को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने पारंपारिक पद्धति से मशक्कत के काम किए हैं. ऐसे विविध मार्गों से मशागत के काम करने पर उधार और कर्ज लेकर बीज व खाद की खरीदी किसानों ने शुरु की है. कड़ी धूप रहने से बारिश के संकेत अभी भी न रहने से समय पर बुआई होगी अथवा नहीं? इसे लेकर किसान चिंतित है. आसमान में बादल मंडराते है, दिनभर भीषण गर्मी के बाद शाम 4 बजे से मौसम में बदलाव आ जाता है और तेज हवाएं शुरु हो जाती है. पुराने समय में ग्रामीण इलाकों में किसान पक्षियों के घोसलों को बनता देख बारिश होने का अनुमान लगाते थे तथा कभी बड़ी संख्या में चीटियां और हवा में उड़ने वाले कीड़ों को देख बारिश का अनुमान लगाया जाता था. लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह संकेत भी दिखाई न देने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.
बिजली की आंखमिचौली का परिणाम
तहसील के अनेक इलाकों के किसानों के पास पानी की उपलब्धता है. वह पहले कपास का उत्पादन करते हैं. लेकिन पिछले मई माह से लगातार बिजली खंडित होने और लगातार आंखमिचौली जारी रहने से खेती करने में किसानों को दुविधा निर्माण हो रही है. इस कारण पिछले वर्ष की तुलना में पूर्व सत्र कपास का क्षेत्र रखने की संभावना किसानों की तरफ से व्यक्त की गई है.