अब सरकारी अस्पतालों में भी मिलेगी जेनेरिक दवाईयां
सरकार ने निजी संस्था को दी औषध बिक्री की अनुमति

अमरावती/दि.4- राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अब 24 घंटे जेरेरिक दवाईयां मिलेगी. जिसके चलते अब मरीजों को सस्ती दरों पर दवाईयां मिल सकेगी. इसके लिए नैशनल फेडरेशन ऑफ फार्मर्स प्रोक्योरमेंट प्रोसेसिंग एण्ड रिटेलिंग को-ऑपरेटिव ऑफ इंडिया यानी नेकोफ नामक संस्था को सरकारी अस्पतालों में दवा विक्री की दुकानें शुरु करने के लिए अनुमति दी गई है. इससे संबंधित सरकारी निर्णय विगत सोमवार को ही राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग व्दारा जारी किया गया.
केंद्र सरकार ने आर्थिक रुप से कमजोर गरीब लोगों को सस्ती दरों पर दवाईयां उपलब्ध कराने हेतु जेनेरिक जनऔषधालय योजना शुुरु की थी. इन दवाईयों के काफी सस्ती रहने के चलते दवाईयों पर होने वाले खर्च में 10 से 70 फीसद तक बचत होने की जानकारी सामने आई है. ऐसे में सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आनेवाले सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाईयों की दुकान शुरु करने का निर्णय लिया गया है. यह दुकानें 24 घंटे शुरु रहेगी. जिनके जरिए अस्पताल में भर्ती होनेवाले मरीजों को सस्ती दरों पर दवाईयां उपलब्ध हो पाएगी और इससे उनकी अच्छीखासी आर्थिक बचत भी होगी.
इस नई व्यवस्था के तहत नेकोफ नामक संस्था को अस्पताल के प्रांगण में दवाईयों की दुकान शुरु करने के लिए नियमों व शर्तो के तहत अनुमती दी गई है. जिसके अनुसार अस्पताल परिसर में करीब 200 चौरस फुट जगह अगले 20 वर्ष के लिए किराए पर उपलब्ध कराई जाएगी और किराए से जमा होने वाली रकम अस्पताल के रुग्ण कल्याण निधि में जमा की जाएगी. सरकारी अस्पतालों में खोली जानेवाली जेनेरिक दवा विक्री दुकानों की देखभाल व दुरुस्ती की पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्था पर ही होगी. जिसके चलते अस्पताल पर इन दवा दुकानों की वजह से काम का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पडेगा.
* नियमों व शर्तो का करना होगा पालन
मरीजों को दवाईयां खरीददते समय किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो और किसी भी तरह की दवाईयों की कालाबाजारी न हो. इस हेतु सरकार ने कुछ नियम व शर्त तय की है. जिसके तहत इन दवा विक्री दुकानों को 24 घंटे शुरु रखना अनिवार्य किया गया है. साथ ही जेरेरिक दवाईयां उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में ब्रांडेड दवाईयों पर 5 फीसद छूट देने, दुकान में दवाईयों की खरीदी व विक्री हेतु कम से कम 3 पंजीकृत फार्मासिस्टों की नियुक्ति करना, बाहर से मंगवाई जानेवाली प्रत्येक दवाई की जानकारी दर्ज करने तथा एफडीए व्दारा तय किए गए तापमान में दवाईयां रखने की व्यवस्था करने जैसी बातें संबंधित संस्था के लिए अनिवार्य एवं बंधनकारक रहेगी.