अब 5 वीं व 8 वीं मेें अनुत्तीर्ण होने पर उसी कक्षा में बैठना होगा
लिखित व मौखिक परीक्षा में उत्तीर्ण होेना जरुरी
* पुनर्परीक्षा के जरिए मिलेगा एक अतिरिक्त मौका
अमरावती/दि. 13– बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 5 वीं व 8 वीं के लिए वार्षिक परीक्षा पुनर्परीक्षा व मूल्यमापन पद्धति में बदलाव किया गया है. कक्षा 5 वीं हेतु मौखिक परीक्षा के लिए 10 व लिखित परीक्षा के लिए 40 ऐसे कुल 50 अंकों की तथा कक्षा 8 वीं हेतु मौखिक परीक्षा के लिए 10 व लिखित परीक्षा के लिए 50 ऐसे कुल 60 अंकों की परीक्षा ली जाएगी. साथ ही इस परीक्षा में कक्षा 5 वीं कक्षा 8 वीं के विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होना जरुरी रहेगा. हालांकि अब उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने हेतु पुनर्परीक्षा के जरिए उत्तीर्ण होने के लिए एक अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराया जाएगा और इसमें भी अनुत्तीर्ण होने पर उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र के लिए उसी कक्षा में बैठना होगा.
बता दें कि, अनिवार्य व नि:शुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत किसी भी बच्चे को प्राथमिक शिक्षा पूर्ण होने तक अनुत्तीर्ण नहीं किया जा सकता और लगातार दो वर्ष एक ही कक्षा में नहीं रखा जा सकता. साथ ही शाला से भी नहीं निकाला जा सकता. जिसके अनुसार कक्षा 5 वीं व 8 वीं के लिए वार्षिक परीक्षा को अनिवार्य किया गया है. वहीं यदि कोई विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाता है, तो उसे अतिरिक्त पूरक मार्गदर्शन प्रदान करते हुए वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने से लेकर अगले दो माह के भीतर पुनर्परीक्षा का अवसर दिया जाता है. साथ ही यदि कोई विद्यार्थी पुनर्परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो उसे अगले शैक्षणिक सत्र के लिए उसी कक्षा में रखा जाता है. परंतु प्राथमिक शिक्षा पूर्ण होने तक शाला से नहीं निकाला जाता, ऐसा इस अधिनियम में प्रावधान है.
कक्षा 5 वीं व 8 वीं के लिए वार्षिक परीक्षाओं के प्रति विषय कुल अंक इसी आधार पर उत्तीर्ण व अनुत्तीर्ण तय किए जाएंगे. कक्षा 5 वीं के लिए प्रति विषय कम से कम 18 अंक व कक्षा 8 वीं के लिए प्रति विषय कम से कम 21 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है. अंक पत्रिका में अब श्रेणी की बजाय अंक दिए जाएंगे. साथ ही वार्षिक परीक्षा के तहत कोई विद्यार्थी किसी विषय में अनुत्तीर्ण रहने पर या परीक्षा में गैरहाजिर रहने पर उसे अनुत्तीर्ण माना जाएगा. हालांकि उसे पुनर्परीक्षा देने का अवसर उपलब्ध रहेगा. इसके अलावा यदि कोई विद्यार्थी किसी एक विषय में अनुत्तीर्ण हो रहा है, तो उसे सहुलियत वाले अंक दिए जाएंगे. परंतु सहुलियत वाले अंक देने के बावजूद कोई विद्यार्थी एक अथवा एक से अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण होता है, तो ऐसे विषयों की पुनर्परीक्षा ली जाएगी. कक्षा 5 वीं व 8 वीं की परीक्षा हेतु जिलास्तर पर व केंद्र स्तर पर समिति भी स्थापित की जाएगी. जिसमें केंद्र प्रमुख, मुख्याध्यापक, शिक्षक तथा दो केंद्र शाला मुख्याध्यापक का समावेश रहेगा.