* जिले के विक्रेताओं की अनदेखी
अमरावती/ दि. 25– जिले के प्रत्येक शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के फाटा पर खाद्य पदार्थ बिक्री की हाथगाडियां बडी मात्रा में शुरू दिखाई देती है. लेकिन खाद्य पदार्थ बिक्री का व्यवसाय करते समय छोटा व्यवसाय रहा तो अन्न व औषधी विभाग का पंजीयन प्रमाणपत्र अथवा 12 लाख से अधिक टर्नओवर होता होगा तो लायसेंस अनिवार्य रहता है. फिर भी अनेक विक्रेता इस ओर अनदेखी करते है. ऐसे लोगों पर 10 लाख रूपए तक जुर्माना हो सकता है. बदलती जीवन शैली के कारण होटलींग का प्रमाण काफी बढ गया है. साथ ही नाश्ता के लिए हाथगाडी जगह-जगह दिखाई देती है. इस कारण कहीं भी गये तो उपहार गृह, रेस्टॉरेंट, होटल पर खाद्य पदार्थ की बडी मात्रा में बिक्री की जा रही है. ग्राहक भी बडे शौक के साथ इन खाद्य पदार्थो का स्वाद चखते है, ऐसा व्यवसाय करनेवालों ने ग्राहकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अन्न व औषधी विभाग का पंजीयन प्रमाणपत्र व लायसेंस देना अनिवार्य है. लेकिन अनेक लोग इस ओर जानबूझकर अनदेखी करते रहने की जानकारी है. बगैर लायसेंस खाद्य पदार्थ की बिक्री होने की बात अन्न प्रशासन के ध्यान में आने पर 10 लाख रूपए तक जुर्माना होने की संभावना है.
* विषबाधा हुई तो जिम्मेदारी किसकी ?
खाद्य पदार्थ बिक्री करनेवाले के पास लायसेंस नहीं होगा तो विषबाधा हुई तो जिम्मेदार कौन ? ऐसा प्रश्न निर्माण होता है.
* कौन से कागजपत्र लगते हैं ?
फूड परवाना निकालने के लिए टैक्स पावती, इलेक्ट्रीक बिल, इमारत किराए की रही तो एग्रीमेंट, पहचानपत्र आवश्यक रहता है. रेस्टॉरेंट के लिए लाइसेंस होना रहा तो उपरोक्त सभी कागजपत्र तथा जल जांच रिपोर्ट आवश्यक रहती है.
* फुड लायसेंस निकालने का खर्च कितना ?
रजिस्ट्रेशन करने के लिए केवल 100 रूपए तथा फुड लायसेंस निकालने के लिए रिटेलर, होलसेलर रेस्टारेंट वालों को 2 हजार रूपए प्रतिवर्ष तथा उत्पादकों को 3 से 7 हजार रूपए खर्च आता है.
* आवेदन कैसे करें ?
लायसेंस निकालने के लिए अन्न व औषधी प्रशासन की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
* लायसेंस निकालकर ही करें बिक्री
खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को पंजीकृत प्रमाणपत्र 12 लाख रूपए से अधिक टर्नओवर रहे व्यवसायियों को लायसेंस अनिवार्य रहता है.
– भाउराव चव्हाण,
अन्न प्रशासन विभाग