अमरावतीमहाराष्ट्र

अब 16 वां नहीं, 12 वां वर्ष खतरे का

अमरावती /दि.18– इन दिनों सोशल मीडिया के अति प्रयोग की वजह से नाबालिग लडकियां को अपने प्रेमजाल में फंसाने के साथ ही भगा ले जाने के मामले काफी अधिक बढ गए है और 12-13 वर्ष की आयु वाली नाबालिग लडकियां प्रेम के झांसे में फंसकर अपने घरों से भाग रही है. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, अब पहले की तरह 16 वां वर्ष खतरनाक नहीं बचा, बल्कि 12-13 वर्ष की आयु ज्यादा खतरनाक हो गई है.
* दो माह में 39 नाबालिगों का अपहरण
विगत जनवरी व फरवरी इन दो माह के दौरान जिले के 31 पुलिस थाना क्षेत्रों से 39 नाबालिग लडके-लडकियों को भगा लिया गया. जिनकी खोजबीन ग्रामीण पुलिस मुख्यालय के एएचटीयू विभाग द्वारा की जा रही है.
* क्या है घर छोडने की वजहें?
– कई बार बच्चे माता-पिता द्वारा गुस्से में दांट-फटकार किए जाने से नाराज होकर अपना घर छोड देते है.
– कई नाबालिग लडकियों को प्रेम व विवाह का झांसा देते हुए भगा लिया जाता है.
– इन दिनों सोशल मीडिया का भी कमसिन उम्र से ही जमकर प्रयोग किया जा रहा है, यह भी बच्चों के घर छोडकर भागने की प्रमुख वजह है.
* 33 लडकियां व 6 लडके लापता
विगत दो माह के दौरान अमरावती जिले से 33 नाबालिग लडकियां व 6 नाबालिग लडके लापता हुए है. 18 वर्ष से कम आयु वाले इन 39 नाबालिगों की खोज करने हेतु ग्रामीण पुलिस का एएचटीयू विभाग काम पर लगा हुआ है.

* सन 2024 में 18 वर्ष से कम आयु वाले 231 में से 203 गुमशुदा नाबालिग लडके व लडकियों को खोजने में सफलता हासिल हुई थी. वहीं अब विगत दो माह के दौरान 18 वर्ष से कम आयु वाले 39 लडके व लडकियों के अपहरण को लेकर अपराधिक मामले दर्ज हुए है. जिनकी तलाश की जा रही है.
– प्रशाली टाले,
एपीआई, एएचटीयू.

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