अब कारागार के कैदियों को कंबल की बजाय मिलेगी डायमंड चादर
मध्यवर्ती जिला व विशेष कारागारों के लिए नई नियमावली लागू
अमरावती/दि.8– ब्रिटीशकाल से जेलों में कैदियों को ओढने हेतु ब्लैंकेट मिला करता था. परंतु अब बदलते मौसम एवं भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए ब्लैंकेट की बजाय डायमंड चादर ओढने के लिए दी जाएगी. कारागार प्रशासन के अपर पुलिस महासंचालक अमिताभ गुप्ता ने इस नई नियमावली को सभी कारागारों के लिए लागू किया है.
विगत दिनों पुणे में कारागार व सुधार सेवा विभाग के अपर पुलिस महासंचालक व महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई थी. जिसमें कहा गया कि, महाराष्ट्र कारागार नियमावली 1965 व 1979 तथा 1 दिसंंबर 2015 को जारी संशोधित अधिसूचना के तहत कारागार अधीक्षक के पास कैदियों को दिए जाने वाले ओढने व बिछौने तथा गणवेश में किसी भी तरह का बदलाव या वृद्धि करने का अधिकार है. ऐसे में कैदियों को ब्लैंकेट की बजाय भौगोलिक परिस्थिति ध्यान में रखते हुए डायमंड चादर दिए जाने के निर्देश दिए गए है. चूंकि इस समय ठंडी वाले दिन शुरु हो गए है. ऐसे में भौगोलिक परिस्थिति का विचार करते हुए राज्य की कुल 60 जेलों में करीब 42 हजार कैदियों को ब्लैंकेट की बजाया डायमंड चादर ओढने के लिए प्रयोग में लाने हेतु दी जाएगी. इसमें 9 मध्यवर्ती कारागार, 28 जिला कारागार, 1 विशेष कारागार, 1 महिला कारागार, 19 खुली जेल तथा नाशिक स्थित किशोर सुधारालय ऐसी कुल 60 जेलों का समावेश है.