मृत वारिसों के पंजीयन हेतु अब ‘जीवंत 7/12’
फेरफार पंजीयन में जिले का काम राज्य में अव्वल

अमरावती /दि.27– कई मामलो में मृत खाताधारकों के वारिसों की जानकारी 7/12 के दस्तावेज पर दर्ज नहीं होती. तय कालावधि के भीतर ऐसी जानकारी अभिलेख में दर्ज नहीं होने पर वारिसों को काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है. जिसके चलते जिले में 1 अप्रैल से ‘जीवंत 7/12’ अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत 9 अप्रैल से पहले वारिस फेरफार के मामलों का निपटारा करने का आदेश जिलाधीश सौरभ कटियार द्वारा प्रशासन के नाम जारी किया गया है.
बता दें कि, विगत 1 मार्च से बुलढाणा जिले में इस योजना की शुरुआत की थी. जिसे बेहतरीन प्रतिसाद मिलने के चलते और राज्य के सभी जिलो में यह अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत जिलाधीश सौरभ कटियार, अपर जिलाधीश विवेक जाधव व आरडीसी अनिल भटकर के मार्गदर्शन के तहत अमरावती जिले के सभी 14 तहसील क्षेत्रों में यह अभियान चलाया जा रहा है. जिसके चलते वारस नोंद के प्रलंबित फेरफार मामलों का अब निपटारा किया जाएगा. विशेष यह है कि, फेरफार पंजीयन में अमरावती जिले का काम काफी बेहतरीन है. जिसके चलते अमरावती जिले को राज्य में दूसरा अव्वल स्थान प्राप्त हुआ है.
ज्ञात रहे कि, मृतक किसान के वारिसों में सहमति नहीं रहने पर फेरफार का काम प्रलंबित रह जाता है और इसकी वजह से दिक्कते बढती जाती है. साथ ही सरकार की विविध योजनाओं से वारिसदार किसान वंचित रह जाते है.
* 1 अप्रैल से 10 मई तक अभियान
मृतक के वारिसों का फेरफार पंजीयन करने हेतु आगामी 1 अप्रैल से 10 मई तक अभियान चलाया जाना है. परंतु 100 दिन के कृति कार्यक्रम के तहत 9 अप्रैल से पहले जिले के प्रलंबित फेरफार का निपटारा करने का निर्देश जिलाधीश द्वारा दिया गया है.
* ऐसी है अभियान की कार्यपद्धति
तलाठी द्वारा गावनिहाय मृत किसानों की सूची तैयार की जाएगी. जिसके लिए वारिसदारों को उत्तराधिकार संबंधि दस्तावेज पटवारी के पास पेश करने होंगे. पश्चात जांच पूरी करते हुए मंडल अधिकारी द्वारा ई-फेरफार प्रणाली में उत्तराधिकार प्रस्ताव को मंजूर किया जाएगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी.
* 9 अप्रैल तक कोई भी फेरफार प्रलंबित न रहे ऐसे निर्देश जिलाधीश द्वारा जारी किए गए. जिसके अनुसार सभी तहसीलों में अभियान चलाते हुए आवश्यक कार्य पूरे किए जा रहे है.
– विवेक जाधव
उपजिलाधीश, राजस्व.