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कोरोना से संबंधित चुडियोें की क्रेझ
अमरावती/दि.26 – यदि किसी फिल्म में किसी अभिनेत्री ने कुछ विशेष तरह की चुडियां पहनी है, तो उसी तरह के चुडियों की मांग बाजार में बढ जाती है. ऐसा अब तक देखा गया है. किंतु कोविड संक्रमण काल में चूंकि फिल्मों का प्रदर्शन ही नहीं हो रहा, तो चूडी निर्माताओं व विक्रेताओं ने चूडियों की बिक्री हेतु एक नई युक्ति खोज निकाली है. जिसके तहत अब बाजार में लॉकडाउन व वैक्सीन के नाम से चूडियों के ब्रांड बाजार में आये है, जो सुपरहिट भी हो गये है. ऐसे में अब चूडियोें की दुकानोें में बंटी-बबली, टिकली, सलद तथा खोद टिकली जैसे नामों की बजाय लॉकडाउन व वैक्सीन जैसे नाम ज्यादा सुनाई देते है. चूंकि इन दिनों मकरसंक्रांत पर्व के चलते हलदी-कुमकुम जैसे आयोजनोें की धुम है. साथ ही शादी-ब्याह जैसे आयोजन का भी सीझन चल रहा है. ऐसे में चूडियों की बिक्री का सीझन भी जोर पकड रहा है. अत: चूडी विक्रेताओं द्वारा अब चूडियों के नामों को बदलकर उन्हें लॉकडाउन व वैक्सीन जैसे नाम दिये गये है. जिन्हें लेकर महिला ग्राहकोें में अच्छा-खासा क्रेझ देखा जा रहा है.
संक्रांत जोरदार
पहलेवाली चूडियों में भी कलर व टिकली में कुछ बदलाव करते हुए उनका नाम बदलकर विक्रेताओें द्वारा बाजार में नया ब्राण्ड लाया गया है. जिन्हेें महिलाओें द्वारा अच्छा-खासा पसंद किया जा रहा है. कोविड संक्रमण के चलते अब भी चूडियों का व्यवसाय काफी हद तक मंद है. ऐसे में व्यवसाय को गति देने हेतु चूडी विक्रेताओें द्वारा अलग-अलग आयडीया पर काम किया जा रहा है. इसमें भी इन दिनों डार्क कलर व गोल्डन टिकलीवाली चूडियोें की अच्छी-खासी मांग दिखाई दे रही है.
20 से 50 रूपये दर्जन
कांच की चूडियों में प्लेन, वेलवेट व टिकली के साथ ही अब कोविड संबंधी नाम रहनेवाली चूडियों की मांग काफी अधिक बढ गई है और थोडे-बहुत फर्क से उन्हीं चूडियों का नाम बदलकर उनकी 20 से 50 रूपये दर्जन के दाम पर बिक्री हो रही है. इन दिनोें महिलाओं द्वारा नये नामवाली चूडियों की आधा दर्जन से एक दर्जन तक खरीदी की जा रही है.
सर्वाधिक मांग बंटी-बबली की
कोविड संक्रमण काल के दौरान कांच की चूडियों के लॉकडाउन व वैक्सीन जैसे ब्राण्ड बाजार में आ गये, लेकिन अब भी सर्वाधिक मांग पुरानी बंटी-बबली जैसे ब्राण्डवाली चूडियों की ही है. इसके साथ ही अन्य चूडियों की मांग भी लगातार बढ रही है.