अब स्थानीय निवासियों को ही मिलेगा जन्म-मृत्यु का प्रमाणपत्र
संशोधित कार्यपद्धति हुई घोषित, पुख्ता सबूतो की होगी पडताल

अमरावती/दि.13 – जिले में विगत एक वर्ष के दौरान जन्म-मृत्यु के 14 हजार से अधिक प्रमाणपत्र विलंब से जारी किए गए. जिसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने का मामला इस समय अच्छा-खासा चर्चित है और शिकायत मिली है कि, शहर सहित जिले में अवैध तरीके से रह रहे कुछ विदेशी नागरिकों ने भी फर्जी दस्तावेजो के आधार पर अपना जन्म पंजीयन प्रमाणपत्र हासिल किया है. जिसके मद्देनजर सरकार ने गत रोज ही जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रमाणपत्र जारी करने हेतु संशोधित कार्यपद्धति घोषित की है. जिसके तहत अब स्थानीय निवासियों को ही जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे और ऐसा करते समय सभी साक्षों की बेहद कडाई के साथ पडताल की जाएगी.
जिला दंडाधिकारी या एसडीओ अथवा जिन अधिकारियों को जिला दंडाधिकारी द्वारा इस कार्य हेतु प्राधिकृत किया गया है, उनके लिए यह कार्यपद्धति तय की गई है. जिसमें जन्म प्रमाणपत्र के मद्देनजर अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज जानकारी, टीकाकरण के दस्तावेज, शाला में प्रवेश व शाला छोडने के प्रमाणपत्र, बोनाफाईड सर्टीफिकेट, निवासी प्रमाणपत्र, संपत्ति कर, पाणीपट्टी व विद्युत बिल की रसीद को ग्राह्य माना जाएगा. इसके साथ ही जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र हेतु संपत्ति के साक्ष के तौर पर 7/12 व नमूना 8-अ के दस्तावेज, फेरफार, संपत्ति कार्ड, पंजीकृत दस्त, पहचान हेतु साक्ष के लिए ड्रायविंग लाईसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक व पोस्ट की पासबुक, पैन कार्ड तथा पारिवारिक साक्ष के तौर पर परिवार के सदस्यों के जन्म प्रमाणपत्र, राशन कार्ड व विवाह प्रमाणपत्र को ग्राह्य माना जाएगा.
* पटवारी व ग्रामसेवक की रिपोर्ट आवश्यक
आवेदक का जन्म होने से लेकर विलंब से जन्म प्रमाणपत्र हेतु आवेदन करने की अवधि के बिच आवेदक का वास्तव्य कहां पर रहा इसके साक्ष लिए जाएंगे. साथ ही आवेदक के स्थानीय निवास वाले स्थान की पटवारी व ग्रामसेवक के मार्फत जांच व पंचनामा करते हुए वस्तुस्थिति दर्शक रिपोर्ट मांगी जाएगी. पश्चात आवेदक के स्थानीय जन्म स्थान तथा निवासस्थल की जांच-पडताल करते हुए इस बारे में पुलिस विभाग से जांच रिपोर्ट भी मंगाई जाएगी.
* पडताल का अभिप्राय 15 दिनों में
आवेदन के साथ कुछ दस्तावेजों के फर्जी रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इसकी पडताल होना आवश्यक है, ऐसे में संबंधित विभाग से पडताल पश्चात लिखित अभिप्राय 15 दिन के भीतर मंगवाया जाएगा.
– आवेदक के स्वघोषणापत्र अथवा शपथपत्र पर दो स्थानीय प्रतिष्ठित नागरिकों सहित पुलिस पाटिल, विशेष कार्यकारी अधिकारी, तंटामुक्ति समिति अध्यक्ष व राजपात्रित अधिकारी के हस्ताक्षर साक्षीदार के तौर पर रहना आवश्यक है.