अमरावतीमुख्य समाचार

अब जिले में तेजी से बदलेंगे राजनीतिक समीकरण

महायुती व महाविकास आघाडी को लेकर बनेगा घनचक्कर

* कौन किधर, किसके साथ, कौन किसके खिलाफ, रहेगा संभ्रम
अमरावती/दि.17 – राज्य में सीएम एकनाथ शिंदे व डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपा-शिवसेना महायुती की सरकार बनते ही राज्य में जबर्दस्त राजनीतिक उथल-पूथल मची थी. क्योंकि शिवसेना में दो फाड हो गई थी और ठाकरे गुट वाली शिवसेना महाविकास आघाडी यानि कांग्रेस व राकांपा के साथ थी. वहीं शिंदे गुट वाली शिवसेना ने भाजपा के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली. वहीं अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो फाड हो गई है और अजित पवार के नेतृत्व में राकांपा के कई विधायकों ने पाला बदलते हुए भाजपा व शिंदे गुट की सरकार से हाथ मिला लिया है. ऐसे में जहां राज्य में अब तक तीन दलों का समावेश रहने वाले महाविकास आघाडी की सत्ता थी. वहीं अब तीन दलों का समावेश रहने वाली महायुती सत्ता में है और दोनों ही गद्दारों को शिवसेना व राकांपा के कई मंत्रियों व विधायकों का भी समावेश रहा. ऐसे में शिवसेना व राकांपा के स्थानीय पदाधिकारियों ने इस बात को लेकर संभ्रम चल रहा है कि, आखिर वे किस की ओर खडे है. साथ ही हर कोई अपने-अपने नेता के पीछे समर्थक के तौर पर खडा है. ऐसे में कौन किस के साथ है और कौन किस के खिलाफ इसे लेकर अच्छा खासा संभ्रम बना हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, अगले वर्ष लोकसभा व विधानसभा के चुनाव होने है. जिसमें मुख्य भिडंत महायुती व महाविकास आघाडी के बीच ही होगी. लेकिन महायुती व महाविकास आघाडी में शामिल तीन-तीन दलों में से दो दल ऐसे है जिनमें दो फाड हो चुकी है और एक गुट इधर व दूसरा गुट उधर वाली स्थिति है. यानि कुलमिलाकर इन दोनों दलों के अलग हो चुके दोनों गुटों के बीच भी आपसी सिरफुटव्वल होगी. जिसके चलते शिवसेना व राकांपा में अब तक एक साथ कंधे से कंधा भिडाकर पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए प्रयास करने वाले स्थानीय पदाधिकारी अब आगामी चुनाव के समय आपस में ही एक-दूसरे की जमीन खोदेंगे. यह अभी से तय है.
बता दें कि, अमरावती जिले में विधानसभा के 8 निर्वाचन क्षेत्र है. जिनमें से इस समय कांग्रेस की यशोमति ठाकुर (तिवसा), सुलभा खोडके (अमरावती) व बलवंत वानखडे (दर्यापुर), प्रहार के बच्चू कडू (अचलपुर) व राजकुमार पटेल (मेलघाट), भाजपा के प्रताप अडसड (धामणगांव रेल्वे) तथा निर्दलिय रवि राणा (बडनेरा) व देवेंद्र भुयार (मोर्शी-वरुड) विधायक निर्वाचित है. जिसमें से महाविकास आघाडी की सरकार रहते समय यशोमति ठाकुर महिला व बालकल्याण मंत्री तथा बच्चू कडू शालेय शिक्षा राज्यमंत्री हुआ करते थे. लेकिन मौजूदा महायुती सरकार में अमरावती जिले को एक भी मंत्री पद नहीं मिला है. वहीं यद्यपि इस समय विधानसभा चुनाव होने में करीब डेढ वर्ष का समय बाकी है. लेकिन भाजपा, कांग्रेस व राकांपा तथा शिवसेना के दोनों गटों सहित मनसे व वंचित बहुजन आघाडी के साथ-साथ लगभग सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा बांधना शुरु कर दिया है. लेकिन विगत दिनों भाजपा-शिंदे गुट वाली सरकार ने राकांपा की भी एक धडे के शामिल हो जाने के चलते राज्य सहित अमरावती जिले में राजनीतिक समीकरण बदल गए है. अब महायुती के तहत भाजपा-शिंदे गुट वाली शिवसेना व अजित पवार गुट वाली राकांपा के नेताओं को अपने-अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देनी पडेगी. वहीं महाविकास आघाडी में भी लगभग यहीं समीकरण लागू होगा. जिसके चलते विधायक पद के लिए इच्छा एवं दावेदारी रहने वाले कई कार्यकर्ताओं पर अन्याय भी हो सकता है, ऐसी चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में चल रही है. साथ ही माना जा रहा है कि, जिले के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में परंपरागत भिडंत होगी. इसके तहत कुछ स्थानों पर आमने-सामने की सीधी टक्कर और कुछ स्थानों पर तिकोने मुकाबले वाली स्थिति बन सकती है.

Back to top button