प्रतिनिधि/दि.२९
अमरावती-सरकार द्वारा रेती घाटों से रेती के निर्गमन को लेकर नई संशोधित नीति घोषित की गई है. जिसके तहत अपर जिलाधिशों को रेती घाट रहनेवाले गांवों में ग्राम दक्षता समिती स्थापित करने का आदेश दिया गया है. ऐसे में अब संबंधित गांवों में रेती की अवैध ढुलाई होने पर समिती की जवाबदारी निश्चित की जायेगी. इस संदर्भ में दी गई जानकारी के मुताबिक इस नई नीति के तहत रेती संग्रह रहनेवाले गांवों में ग्राम दक्षता समिती स्थापित करते हुए गांव के सरपंच को समिती का अध्यक्ष, पटवारी को समिती का सचिव तथा ग्राम सेवक, पुलिस पाटिल व कोतवाल को समिती सदस्य के तौर पर शामिल किया जायेगा. इस समिती की प्रत्येक १५ दिन में बैठक ली जायेगी और यदि संबंधित गांव से रेती का अवैध उत्खनन अथवा ढुलाई का काम हो रहा है तो इसके संदर्भ में तहसीलदार को सूचित किया जायेगा. किंतु पाया जा रहा है कि, ऐसे सभी मामलों को नियंत्रित करने की तरफ समिती द्वारा अनदेखी की जा रही है. जिसके चलते इन दिनों जिले में रेती के अवैध उत्खनन व ढुलाई के मामले बढ गये है. ऐसे में सरकार एवं प्रशासन द्वारा तय किया गया है कि, जिन ग्राम पंचायतों में ऐसे मामले उजागर हो रहे है, अब वहां पर संबंधित गांव के सरपंच, ग्रामसेवक व पटवारी को इसके लिए जिम्मेदार माना जायेगा. कारवाई भी होगी रेती के अवैध उत्खनन व ढुलाई का मामला सामने आने पर संबंधित गांव के सरपंच को इसके लिए जिम्मेदार मानकर महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम १९५९ की धारा १४ (ग) व ३९ (क) के तहत कारवाई की जायेगी. इसी तरह पुलिस पाटिल के खिलाफ महाराष्ट्र ग्राम पुलिस अधिनियम १९६७ की धारा ९ तथा अन्य सदस्यों के खिलाफ १४ जून २०१६ के परिपत्रक के अनुसार कार्रवाई करना प्रस्तावित किया गया है.