पूर्व सांसद अडसुल पर सौंपी गई जिम्मेदारी
जल्द ही अन्य पदों पर होगी नियुक्ति
अमरावती-दि.23 इस समय शिवसेना में पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दो अलग-अलग गुट हो गये है और दोनों ही गुटों द्वारा खुद को असली शिवसेना बताया जा रहा है. अमरावती जिले में भी शिवसेना को लेकर कुछ हद तक दोफाड वाली स्थिति है और यहां पर पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के नेतृत्व में दर्यापुर तहसील क्षेत्र के कई सेना पदाधिकारियों ने उध्दव ठाकरे का साथ छोडकर शिंदे गुट का दामन थाम लिया है. वही अब शिंदे गुट में शामिल हुए दर्यापुर के पूर्व सेना तहसील प्रमुख गोपाल अरबट को शिंदे गुट में जिला प्रमुख के पद पर मौका दिया गया है. साथ ही बहुत जल्द अमरावती जिले में शिंदे गुट द्वारा अन्य कई पदों पर भी पदाधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी.
बता दें कि, हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर विगत जून माह में एकनाथ शिंदे व उनके समर्थक विधायकों ने शिवसेना सहित तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी. जिसकी वजह से महाविकास आघाडी की सरकार गिरने के साथ-साथ शिवसेना में भी सीधी फूट पड गई. पश्चात राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने के साथ ही एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी के संगठन व चुनाव चिन्ह पर भी अपना दावा ठोका और खुद को असली शिवसेना बताया. जिसे लेकर अब दोनों गुट सुप्रीम कोर्ट की शरण में है. वही अब शिंदे गुट को मात देने हेतु आदित्य ठाकरे के साथ-साथ उध्दव ठाकरे भी महाराष्ट्र के दौरे पर निकलनेवाले है और उनके दौरे का नियोजन लगभग तय हो चुका है. ऐसे में ही अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रत्येक जिले में अपनी शिवसेना के कार्यालय खोलने और पदाधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है. जिसके अनुसार शिवसेना (शिंदे गुट) के मध्यवर्ती कार्यालय से पार्टी सचिव संजय मोरे के हस्ताक्षरवाला पत्र जारी करते हुए पार्टी के अमरावती जिला प्रमुख पद पर दर्यापुर निवासी गोपाल अरबट की नियुक्ति की गई है. उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले में शिंदे गुट की ओर से की गई यह पहली नियुक्ति है. इसके साथ ही जिले के पूर्व सेना सांसद आनंदराव अडसूल पर अमरावती जिले में संगठन को खडा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
पूर्व जिप उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे भी शिंदे गुट में
इस समय जिले में शिवसेना के कई नेता बडे संभ्रम में है और सुप्रीम कोर्ट में असली शिवसेना को लेकर फैसला हो जाने पर जिले में भी काफी बडा उलटफेर होने की पूरी संभावना है. इसी दौरान गोपाल अरबट की जिला प्रमुख पद पर नियुक्ती होने के बाद सहसंपर्क प्रमुख पद पर पूर्व विधायक संजय बंड के नजदिकी रहनेवाले पूर्व जिप उपाध्यक्ष दत्ता ढोमणे की नियुक्ति की गई है. दत्ता ढोमणे के शिंदे गट में चले जाने को उध्दव ठाकरे गट के लिए काफी बडा झटका माना जा रहा है.
शिंदे गुट नहीं, हम शिवसेना है
इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दर्यापुर के पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने कहा कि, उन्हें शिंदे गुट नहीं, बल्कि शिवसेना ही संबोधित किया जाये, क्योंकि यहीं असली शिवसेना है. इससे बाहर रहनेवाले लोगों को भले ही किसी गुट के नाम से संबोधित किया जा सकता है.
बॉक्स, फोटो आनंदराव अडसुल
गोपाल अरबट की शिवसेना जिला प्रमुख के तौर पर नियुक्ति की गई है. जल्द ही उनके साथ एक और जिला प्रमुख की नियुक्ति की जायेगी. जिस तरह अब तक शिवसेना के संगठन की संरचना रहती आयी है, उसी तरह जिले में बहुत जल्द सभी नियुक्तियां की जायेगी.
तहसील प्रमुखों के नाम हुए तय
शिवसेना (शिंदे गुट) के नवनियुक्त जिला प्रमुख गोपाल अरबट ने बताया कि, अंजनगांव सूर्जी में निवृत्ति बारब्दे को तहसील प्रमुख व मुन्ना इसोकार को शहर प्रमुख, दर्यापुर के महेंद्र भांडे को तहसील प्रमुख, रविंद्र राजपुत को शहर प्रमुख तथा वैभव भांडे व अतुल सगने को विधानसभा संगठक, मोर्शी में संजय टेकाडे को तहसील प्रमुख, धारणी में शैलेय मालवीय को तहसील प्रमुख व पंकज हांडे को शहर प्रमुख, चिखलदरा में मनोहर रेचे को तहसील प्रमुख तथा वरूड में अमोल भूयार को तहसील प्रमुख पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.