अब सोमैया ने चलाया ‘ब्रह्मास्त्र’
जिला प्रशासन को बोगस जन्म प्रमाणपत्र के दो सबूतों का भेजा पत्र
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* अंजनगांव सुर्जी में फर्जी प्रमाणपत्र जारी होने का लगाया था आरोप
अमरावती /दि. 12- अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय द्वारा भारत में अवैध रुप से रह रहे बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं को फर्जी दस्तवेजों के आधार पर बोगस जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने का आरोप लगानेवाले भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस विषय को लेकर अब जिला प्रशासन को पत्र भेजते हुए और दो मामलों के सबूत भेजे है. जिसे किरीट सोमैया द्वारा चलाया गया ब्रह्मास्त्र माना जा रहा है. ऐसे में अब इस मामले की जांच हेतु गठित समिति क्या-क्या बाहर निकालती है और पुलिस की जांच के जरिए कौनसा सत्य निकलकर बाहर आता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.
बता दे कि, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने पिछले महिने ही अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय के जरिए बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं के नाम बोगस जन्म प्रमाणपत्र जारी करते हुए समूचे राज्य में सनसनी मचा दी थी. साथ ही उन्होंने विगत 6 फरवरी को अंजनगांव सुर्जी पुलिस थाने पहुंचकर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करनेवाले अधिकारियों सहित अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र में अवैध रुप से रह रहे बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई थी. इसी दौरान जिलाधीश कार्यालय द्वारा एक जांच समिति का गठन करते हुए मामले की पडताल शुरु की गई थी. वहीं अंजनगांव सुर्जी की तहसीलदार पुष्पा सोलंके ने अपने कार्यालय से ऐसी कोई भी गडबडी होने की संभावना से स्पष्ट इंकार कर दिया था. साथ ही 6 फरवरी को अंजनगांव सुर्जी तहसील के दौरे पर आए भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि, अमरावती के जिला प्रशासन द्वारा अंजनगांव सुर्जी तहसीलदार कार्यालय के अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. जिस पर जिलाधीश सौरभ कटियार की ओर से स्पष्टीकरण जारी करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच किए जाने की बात कही गई थी.
वहीं अब भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने अमरावती के जिलाधीश कार्यालय को नए सिरे से एक पत्र भेजा है. जिसमें अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र में रहनेवाले दो नागरिकों के नामों का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि, आवेदन क्रमांक 163 के अनुसार संबंधित व्यक्ति ने उसके पिता के मृत्यु पंजीयन हेतु आवेदन किया था और आवेदन के साथ शाला बदलने का प्रमाणपत्र दिया गया है. इस मामले में पुरानी शाला के दाखिले व प्रमाणपत्र पूरी तरह से फर्जी व नकली है. साथ ही दूसरे मामले से संबंधित नागरिक ने अपने जन्म पंजीयन हेतु 10 मई 2024 को आवेदन किया था और यह आवेदन उसने खुद के लिए नहीं बल्कि उसकी बुआ के लिए किया था, ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है. पूर्व सांसद किरीट सोमैया की ओर से भेजे गए पत्र में इन दोनों मामलों को पूरी तरह से बोगस बताते हुए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करनेवाले अधिकारियों तथा संबंधित नागरिकों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है.
* ‘उनके भारतीय रहने के कोई सबूत नहीं’
– आवेदन क्रमांक 163 में आवेदक ने आधार कार्ड के अलावा अन्य कोई भी सबूत नहीं दिया है. इस आवेदन में आवेदक की जन्म तारीख 11 सितंबर 1936, शाला प्रवेश की तारीख 12 जुलाई व 1945 व शाला छोडने की तारीख 12 दिसंबर 1945 दर्शायी गई है. अंजनगांव की मौलाना अबूल कलाम आझाद नप उर्दू शाला द्वारा यह प्रमाणपत्र 22 जून 2023 को जारी किया गया है.
– परंतु उस समय वाकई यह शाला अस्तित्व में थी अथवा नहीं, शाला के रिकॉर्ड व रजिस्टर को जांचने का काम नहीं किया गया. साथ ही वर्ष 1945 का शाला छोडने का प्रमाणपत्र डिजिटल यानी कंप्युटराईज्ड प्रिंट में दिया गया है. जबकि सन 1945 में हाथ से बने प्रमाणपत्र जारी होते थे. क्योंकि, तब कंप्यूटर ही नहीं हुआ करते थे.
– 90 वर्ष पुराने शाला छोडने का बोगस प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के अलावा इस आवेदक द्वारा खुद के भारतीय रहने से संबंधित अन्य कोई सबूत नहीं दिया गया है, ऐसा आरोप भी भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा लगाया गया है.
* तहसीलदार ने बिना जांच के जारी किया आदेश
इसके साथ ही इस पत्र में बताया गया है कि, आवेदन क्रमांक 446 में आवेदक ने अपनी बुआ के लिए जन्म प्रमाणपत्र मिलने हेतु 20 मई 2024 को आवेदन किया. जबकि 18 वर्ष से अधिक आयु वाले किसी भी व्यक्ति को इस हेतु खुद आवेदन करना होता है और उस व्यक्ति की बुआ की उम्र 18 वर्ष से अधिक है. ऐसे में उस व्यक्ति द्वारा किया गया आवेदन ही गैर कानूनी है.
– इसके साथ ही इस आवेदन के साथ जोडी गई आवेदक के दादा की टीसी पर शाला का नाम भी स्पष्ट नहीं है, बल्कि केवल ‘नगर परिषद अकोट’ ही लिखा दिखा दे रहा है. बावजूद इसके इस मामले सघन जांच-पडताल किए बिना तहसीलदार द्वारा जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया.
* जिला प्रशासन ने जांच समिति के सुपूर्द किया सोमैया का पत्र
भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया की ओर से दो मामलों के सबूत के तौर पर मिले पत्र को जिलाधीश कार्यालय द्वारा मामले की जांच कर रही समिति के सुपूर्द किया गया. जिसके चलते जांच समिति ने इन दोनों मामलों को भी अपनी जांच के दायरे में लिया है.
* भाजपा नेता किरीट सोमैया की ओर से भेजा गया पत्र मंगलवार की सुबह हमें प्राप्त हुआ. हम यह पत्र जांच हेतु पुलिस के सुपूर्द करेंगे और पूरे मामले की सघन तरीके से जांच की जाएगी.
– राजेश्वर हांडे, दर्यापुर.