अमरावती

अब लॉकडाउन हटाकर अनलॉक का सिलसिला शुरु करें

व्यापार हित में समाजसेवी मयुर झांबानी की प्रशासन को सलाह

अमरावती/दि.31 – कोरोना महामारी के चलते समूचे देश में हाहाकार मचा हुआ है. महाराष्ट्र राज्य के साथ अमरावती जिले में भी कोरोना महामारी का प्रकोप दिखाई दिया. कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी कमी आयी है. जिले में विगत 12 अप्रैल 2021 से लॉकडाऊन जारी है. इतने लंबे अरसे तक लॉकडाउन के कारण व्यापारियों के प्रतिष्ठान बंद है. व्यापार चौपट होने की कगार पर आ गया है. इसस विपदा से बचाने के लिए प्रशासन अब लॉकडाउन हटाकर अनलॉक का सिलसिला शुरु करने की सलाह व मांग युवा समाजसेवक मयुर झांबानी ने की है.
समाजसेवक मयुर झांबानी व्दारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के कारण शहर के मुख्य मार्केट बंद कर दिये गये है. लॉकडाऊन के चलते प्रतिष्ठानों के शटर डाऊन है. लॉकडाऊन के कारण व्यापारियों की कमर टूट रही है. व्यापार बंद रहने के बावजूद प्रतिष्ठान में काम करने वाले कर्मियों को वेतन दिया जा रहा है. व्यापारियों ने प्रशासन के हर दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया. लेकिन वर्तमान में व्यापार चौपट होने की कगार पर आ गया है. ऐसे हालात में यदि दुकानें नहीं खुली तो अमरावती का बाजार पेठ खत्म हो जाएगा. इसलिए प्रशासन को व्यापार व व्यापारियों को बचाने के लिए दुकानें शुरु रखने की अनुमति देनी चाहिए.
अमरावती का बाजार पेठ कपड़ा व रेडिमेड कपड़ों के लिए समूचे देश में विख्यात है. यहां खरीददारी के लिए न केवल विदर्भ से ही बल्कि एमपी, कोलकाता से भी व्यापारी आते हैं. कोरोना महामारी के चलते प्रतिष्ठान बंद है. यदि बंद का सिलसिला जारी रहा तो निश्चित ही जिले का कपड़ा व रेडिमेड कारोबार पर आर्थिक संकट लहरा सकता है. इस बाजार को बचाने के लिए प्रशासन ने अब अनलॉक का सिलसिला शुरु करना चाहिए.

प्रतिष्ठान शुरु रखने की दें अनुमति

शहर व जिले का व्यापार बचाने के लिये 1 जून से लॉकडाऊन हटाकर अनलॉक घोषित कर मार्केट शुरु कर ने की अनुमति बहाल करने हेतु मयुर झांबानी ने शासन व प्रशासन से मांग की है. गत 1 वर्ष से कोरोना महामारी के कारण व्यापार पर बुरा असर पर रहा है. व्यापार को संजीवनी प्राप्त हो, इसके लिए प्रतिष्ठान शुरु र खने की अनुमति देना आवश्यक है. प्रतिष्ठान के संचालक दूकानें बंद रहने से कब तक कर्मियों को वेतन दे सकेंगे. शीघ्र ही मार्केट शुरु नहीं किया गया तो बेरोजगारों की संख्या में वृध्दि होने में देर नहीं लगेगी. इसलिए शासन-प्रशासन से सकारात्मक विचार कर 1 जून से प्रतिष्ठान शुरु रखने की अनुमति देने की मांग की गई है.

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