अमरावती

पोषक आहार में अब तेल की बजाय शक्कर

सरकार कर रही खर्च में कटौती

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – बच्चों में कुपोषण का प्रमाण कम हो तथा उन्हेें पोषक आहार मिले, इस हेतु सरकार की ओर से दिये जानेवाले पूरक पोषक आहार में कुछ बदलाव किया गया है. दस वर्ष इस पोषक आहार में खाद्य तेल का समावेश था. किंतु अब खाद्य तेल की बजाय शक्कर का वितरण किया जा रहा है. शरीर के लिए आवश्यक उष्मांक की जरूरत के अनुसार यह बदलाव किये जाने की बात सरकार की ओर से कही गयी है. किंतु हकीकत यह है कि, तेल की लगातार बढती कीमतों के मद्देनजर सरकार द्वारा खर्च में कटौती करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है. जिसे लेकर नागरिकों में अच्छीखासी नाराजगी देखी जा रही है.
कोविड संक्रमण काल के दौरान काम करनेवाली अंगनवाडी सेविकाओं के जरिये छोटे बच्चों, नव प्रसूता महिलाओं व गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार साहित्य का वितरण किया जाता है. इसके तहत अंगनवाडी केंद्रों को कच्चे धान्य व किराणा माल की पैकिंग किये हुए कीट दिये जाते है. जिसमें मोट, मूंग, तुअर दाल, गेहू, मिरची पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक व शक्कर का समावेश होता है. गत वर्ष तक इस किराणा किट में खाद्य तेल का समावेश था. किंतु अब खाद्य तेल को हटाकर उसकी बजाय इस किराणा किट में शक्कर का समावेश किया गया है.

  • पूरक पोषण आहार योजना

कुल लाभार्थी – 1,74,804
0 से 6 वर्ष आयुगुटवाले लाभार्थी – 1,50,452
गर्भवती महिला लाभार्थी – 12,433
नवप्रसूता महिला लाभार्थी – 11,919

  • कोविड काल में भी चल रहा काम

शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में कोविड नियंत्रण हेतु आशावर्कर्स सहित अंगनवाडी सेविका व सहायिका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सेवाएं प्रदान कर रहे है और स्वास्थ्य कर्मचारियोें की तरह वे भी दिन-रात कोविड नियंत्रण के लिए काम कर रहे है. जिला प्रशासन को नियमित कामकाज के साथ ही उनसे कोविड संबंधी कामों को पूरा करने का उद्देश्य भी अपेक्षित है.

  • पूरक आहार में क्या मिलता है

1. सरकार द्वारा नवजात बच्चों से 6 वर्ष की आयु गुटवाले बच्चों सहित गर्भवति महिलाओं व नवप्रसूता महिलाओं को पूरक पोषण आहार का लाभ दिया जाता है.
2. इस आहार में मोट, चना, मूंग दाल, मसूर दाल, गेहू, मिरची पाउडर, हल्दी पाउडर, नामक व शक्कर का समावेश होता है.
3. पाककृति में अनाज के प्रकार रोजाना लाभार्थियों को दिये जानेवाले प्रमाण तथा उष्मांक व प्रोटीन का विचार कर यह आहार दिया जाता है.

राज्य सरकार के निर्देशानुसार कोविड संक्रमण काल के दौरान तैयार भोजन नहीं दिया जा सकता. ऐसे में बच्चों व लाभार्थी महिलाओं को पूरक पोषक आहार के पैकिंग दिये जा रहे है. उष्मांक व प्रोटीन संबंधी मूल्यों का विचार करते हुए इस आहार में शामिल साहित्य को लेकर वरिष्ठ स्तर पर बदलाव किया गया है.
– प्रशांत थोरात
उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी
महिला व बालकल्याण, जिप

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