अब अमरावती में ही होगी स्वाईन फ्ल्यू की टेस्ट
24 घंटे के भीतर मिलेगी टेस्ट रिपोर्ट
* विद्यापीठ की प्रयोगशाला में होगी जांच
* स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये निर्देश
* टेस्ट कीट मिलने की हो रही प्रतीक्षा
* लैब कर्मियों को लगाई जायेगी प्रतिबंधात्मक वैक्सीन
अमरावती/दि.23- यद्यपि विगत लंबे समय से कोविड संक्रमित पाये जानेवाले मरीजों की संख्या घट गई है, लेकिन पिछले पंद्रह दिनों से स्वाईन फ्ल्यू के लक्षण रहनेवाले मरीज अमरावती शहर सहित जिले में पाये जा रहे है. चूंकि इस समय अमरावती शहर में स्वाईन फ्ल्यू टेस्ट को लेकर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संदेहित मरीजों के सैम्पलोें को नागपुर या पुणे भेजना पडता है. जिसकी रिपोर्ट मिलने में चार से छह दिन का समय लग जाता है. इस समय तक संबंधित मरीज का समूचित उपचार नहीं हो पाता. इस बात के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अमरावती विद्यापीठ की कोविड टेस्ट प्रयोगशाला में ही अब स्वाईन फ्ल्यू के सैम्पलों की जांच करने के निर्देश दिये है. जिससे संबंधित पत्र कल सोमवार को ही विद्यापीठ प्रशासन को प्राप्त हुए है. ऐसे में अब जल्द ही अमरावती मेेें ही स्वाईन फ्ल्यू संदेहितों के सैम्पलों की जांच हो सकेगी. जिसकी टेस्ट रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर प्राप्त होगी. ऐसे में संबंधित मरीजों की रिपोर्ट अगर पॉजीटिव आती है, तो उनका तुरंत ही इलाज किया जा सकेगा.
बता दें कि, सरकारी अस्पताल में इलाज करवा रहे कुछ मरीजों में स्वाईन फ्ल्यू सदृश्य संक्रमण के लक्षण रहने की जानकारी स्वास्थ्य महकमे से जुडे सूत्रों द्वारा दी गई है. स्वाईन फ्ल्यू भी एक संक्रामक बीमारी है. यद्यपि कोविड की तुलना में स्वाईन फ्ल्यू के संक्रमण की रफ्तार कम है, किंतु इसमें मृत्युदर अधिक है. ऐसे में स्वाईन फ्ल्यू के लक्षण रहनेवाले मरीजों के सैम्पलों की जल्द से जल्द जांच करवाया जाना बेहद आवश्यक माना जाता है और इससे भी ज्यादा जरूरी है कि, मरीज की टेस्ट रिपोर्ट तुरंत प्राप्त हो, ताकि उसका जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जा सके. किंतु इससे पहले अमरावती में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के चलते ऐसे सैम्पलों को जांच के लिए नागपुर अथवा पुणे की प्रयोगशालाओं में भेजना पडता था. जहां से रिपोर्ट मिलने में छह से आठ दिन का समय लगा करता था. जिसकी वजह से मरीजों का इलाज शुरू होने में थोडी देरी हो जाती थी. इससे संक्रमण की चपेट में रहनेवाले मरीजों की मौत का खतरा बढ जाता था. इस बात के मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य संचालक ने गत रोज ही संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की प्रयोगशाला के नोडल अधिकारी को पत्र देकर स्वाईन फ्ल्यू की टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति प्रदान की है. जिसके चलते अब सरकारी अस्पताल के मार्फत भेजे जानेवाले सैम्पलों की अमरावती में ही टेस्टिंग होगी और 24 घंटे के भीतर इन सैम्पलों की रिपोर्ट भी मिलेगी. जिससे मरीजों के इलाज को गति मिलेगी.
* सरकारी अस्पतालों से भेजे जानेवाले सैम्पलों की होगी नि:शुल्क जांच
बता दें कि, निजी प्रयोगशालाओं में स्वाईन फ्ल्यू की जांच करने हेतु एक सैम्पल के लिए 4 से 6 हजार रूपये का खर्च आता है. किंतु अब विद्यापीठ की प्रयोगशाला में सैम्पल टेस्टिंग का काम शुरू हो जाने के बाद सरकारी अस्पताल के जरिये भेजे जानेवाले सैम्पलों की टेस्टिंग पूरी तरह से नि:शुल्क होगी. यद्यपि इसके लिए मरीजों से कोई रकम नहीं ली जायेगी, लेकिन सरकार द्वारा अपने स्तर पर इसके खर्च का वहन किया जायेगा. पता चला है कि, यदि एक ही समय 50 के आसपास सैम्पलों की जांच की जाती है, तो प्रति सैम्पल 1 हजार रूपये का खर्च आ सकता है. किंतु यदि एक-एक सैम्पल को अलग-अलग जांचा जाता है, तो इसके लिए प्रति सैम्पल 4 से 6 हजार रूपये का खर्च अपेक्षित होता है. लेकिन सरकारी अस्पताल से भेजे जानेवाले सैम्पलों की जांच के खर्च को लेकर संबंधित मरीजों से कोई पैसा नहीं लिया जायेगा, बल्कि इस खर्च का वहन सरकार द्वारा किया जायेगा.
* कोविड टेस्ट के लिए लगनेवाली मशीनों का ही प्रयोग
कोविड टेस्ट करने हेतु जिन मशीनों का प्रयोग किया गया, उन्हीं मशीनों के जरिये स्वाईन फ्ल्यू के सैम्पलों की भी जांच होती है. साथ ही आयसीएमआर की अनुमति से जिस प्रयोगशाला में कोविड टेस्ट का काम किया गया, उस प्रयोगशाला में स्वाईन फ्ल्यू की टेस्ट करने हेतु अलग से अनुमति प्राप्त करने की जरूरत भी नहीं पडती. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य संचालक कार्यालय ने संगाबा अमरावती विद्यापीठ की प्रयोगशाला को स्वाईन फ्ल्यू टेस्टिंग का काम शुरू करने के संदर्भ में पत्र जारी किया है.
* आरटीपीसीआर कीट के साथ ही एंटी डोज मिलने की प्रतीक्षा
इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर संगाबा अमरावती विद्यापीठ की प्रयोगशाला के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे ने बताया कि, उन्हें स्वास्थ्य संचालक कार्यालय से स्वाईन फ्ल्यू टेस्टिंग का काम शुरू करने के संदर्भ में पत्र प्राप्त हो चुका है और उन्होंने इसके लिए सीएस कार्यालय से एच1एन1 (ग्रुप-ए) की आरटीपीसीआर कीट को लेकर मांग की है. साथ ही अकोला स्थित स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय से एंटी स्वाईन फ्ल्यू वैक्सीन भी मांगी गई है, ताकि काम शुरू करने से पहले प्रयोगशाला के सभी कर्मचारियों का प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा सके. इसके बाद ही विद्यापीठ की प्रयोगशाला में स्वाईन फ्ल्यू टेस्टिंग का काम शुरू हो पायेग.