* डीएफओ द्वारा ट्रैंक्यूलाईजेशन को लेकर जारी हुए आदेश
* विगत दो माह से विएमवि परिसर में डेरा जमाए बैठा है तेंदूआ
अमरावती /दि.15– स्थानीय विदर्भ महाविद्यालय परिसर में विगत दो माह से ठिया जमाए बैठे तेंदूए को सुरक्षित तरीके से पकडे जाने का आदेश राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने गत रोज जारी किए. जिसके तुरंत बाद वन महकमा हरकत में आया और राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) महिप गुप्ता के मौखिक निर्देश पर अमरावती वनविभाग के उपवन संरक्षक अमित मिश्रा द्वारा गत रोज ही इस तेंदूए को ट्रैंक्यूलाइज करते हुए पकडने की लिखित अनुमति जारी की गई है. विशेष उल्लेखनीय है कि, नागपुर में चल रहे राज्य विधान मंडल के शीतसत्र दौरान विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती शहर की रिहायशी बस्तियों में वन्य प्राणियों द्वारा किए जा रहे उत्पात का मुद्दा बेहद गंभीरता के साथ उठाया था और इस संदर्भ में वनविभाग को जल्द से जल्द कार्रवाई करने हेतु आदेश दिए जाने की मांग की थी. जिसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उक्त तेंदूए को पकडने के आदेश जारी किए है.
ज्ञात रहे कि, विगत 12 अक्तूबर को विएमवि के पीछे स्थित पाठ्यपुस्तक मंडल परिसर में उक्त तेंदूआ सबसे पहले दिखाई दिया था. जिसके बाद से लेकर उक्त तेंदूआ अब तक इसी परिसर में डेरा जमाए बैठा है. जिसके चलते विगत 2 माह से इस परिसर में रहने वाले लोगबाग तेंदूए के डर व आतंक के साये में जी रहे है. वहीं विगत दो माह से वनविभाग का रेस्क्यू पथक भी इस परिसर में लगातार बना हुआ है तथा वनविभाग द्वारा तेंदूए को पकडने के संदर्भ में प्रयास किए जाने के दावे किए जाते रहे. हालांकि उक्त तेंदूआ कभी भी वनविभाग के हाथ नहीं लगा. बल्कि एक बार तो उक्त तेंदूए ने वनविभाग के रेस्क्यू पथक पर ही धावा बोल दिया था. साथ ही साथ मणिपुर लेआउट परिसर में दो लोगों पर झपट्टा मारकर उन्हें घायल कर दिया था. इसके साथ ही शहर के मंगलधाम कालोनी परिसर में भी इसी दौरान कई बार तेंदूए दिखाई दिए थे. इन तमाम बातों के मद्देनजर स्थानीय विधायक सुलभा खोडके ने शहर की रिहायशी बस्तियों में घूम रहे तेंदूओं से संबंधित मुद्दा विगत सोमवार को नागपुर शीतसत्र में उठाया था. जिस पर जवाब देते हुए वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि, सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है और नागरिकों की सुरक्षा के संदर्भ में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने नागपुर सहित अमरावती वनविभाग को लिखित पत्र जारी करते हुए आगामी 24 घंटे के भीतर उक्त तेंदूए को पकडने के निर्देश जारी किए. यह आदेश जारी होते ही वनविभाग में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त हो गया और वन महकमें के अधिकारी तुरंत ही हरकत में आ गए. इसके तहत अमरावती वनविभाग के उपवन संरक्षक अमितकुमार मिश्रा ने गत रोज ही अपने मातहतों के नाम पत्र जारी करते हुए उक्त तेंदूए को ट्रैंक्यूलाइज करते हुए पकडने की अनुमति जारी की है.
* दो माह बाद ट्रैंक्यूलाइजेशन की अनुमति पर सवाल
विशेष उल्लेखनीय है कि, उक्त तेंदूआ पाठ्यपुस्तक मंडल परिसर में सबसे पहले 12 अक्तूबर को देखा गया था और तब से इस तेंदूए ने पाठ्यपुस्तक मंडल व विएमवि परिसर में ही अपना डेरा बना रखा है. यह तेंदूआ आए दिन परिसर में लगे सीसीटीव कैमरों में कैद होता रहा. जिसके फूटेज को देख-देखकर आसपास के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगबाग डर व आतंक के साये में जीते रहे. इस दौरान वनविभाग द्वारा तेंदूए को पकडने के बारे में प्रयास जारी रहने के दावे किए जाते रहे. लेकिन वनमंत्री के आदेश पश्चात अब कही जाकर 14 दिसंबर को डीएफओ कार्यालय द्वारा उक्त तेंदूए को ट्रैंक्यूलाइज करने यानि बेहोशी की दवा से भरा इंजेक्शन (डॉट) मारकर बेहोश करने और फिर पकडते हुए उसे उसके सुरक्षित अधिवास में ले जाकर छोडने का अनुमति पत्र जारी किया गया है. जिसका एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि, विगत 2 माह से उक्त तेंदूए को ट्रैंक्यूलाइज करने की अनुमति नहीं थी. अब वनविभाग के पथक द्वारा इस परिसर में उक्त तेंदूए की केवल निगरानी की जा रही थी. जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि, जंगली जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए सजग रहने वाला वन महकमा आम लोगों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है.