अब बिजली कर्मियों की दुर्घटना को लगेगा ‘ब्रेक’
हव्याप्रमं आश्रमशाला के विद्यार्थी की कल्पकता साबित हुई वरदान
अमरावती/दि.7– जब कोई देखा हुआ सपना पूरा होता है और वह समाजाभिमुख साबित हो तब वह वरदान भी साबित होता है, ऐसा ही सपना मेलघाट की आश्रमशाला में कक्षा 9वीं की शिक्षा ले रहे विद्यार्थी ने साकार किया. हाल ही में धामणगांव निवासी डॉ. एम.के. पवार पब्लिक स्कूल में संपन्न हुई 50वीं जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में इस विद्यार्थी के मॉडेल को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राज्यस्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में उसका चयन किया गया है.
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल व्दारा संचालित मेलघाट के हरिसाल के पोस्टबेसिक आश्रमशाला में कक्षा 9वीं में पढनेवाले रुद्रेश कानतोडे नाम विद्यार्थी ने ‘आयोटी बेस्ड सर्किट बे्रक सिस्टम’ मॉडेल तैयार किया. बिजली कर्मचारियों के लिए यह मॉडेल जीवन रक्षक साबित होने वाला है. इसे मोबाइल एप के जरिए इस्तेमाल किया जा सकता है. रुद्रेश की संकल्पना को विज्ञान विषय के शिक्षक घोगंडे का सहयोग मिला. रुद्रेश को उसकी संकल्पना वास्तविक रुप में साकार करने के लिए मार्गदर्शन व सहयोग किया. मॉडेल को कार्यान्वित करने के लिए मोबाइल एप तैयार किया गया. जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में शिक्षणाधिकारी प्रफुल्ल कच्छवे के हाथों पुरस्कार व प्रमाणपत्र देकर रुद्रेश को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया. रुद्रेश व शिक्षक घोगंडे को मिली इस सफलता पर हव्याप्रमं के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, उपाध्यक्ष श्रीकांत चेंडके, सचिव माधुरी चेंडके, कोषाध्यक्ष डॉ. सुरेशराव देशपांडे, कार्याध्यक्ष डॉ. रमेश गोडबोले, आश्रमशाला के संचालक राजेश महात्मे आदि ने अभिनंदन किया है.
* बिजली कर्मियों के लिए जीवनरक्षक
बिजली कर्मचारियों को धूप और बारिश की परवाह न करते हुए, विद्युत प्रवाहित तार पर काम करना पडता है. इस खतरे को दूर करने के लिए रुद्रेश कानतोडे ने ‘आयोटी बेस्ड सर्किट बे्रक सिस्टम’ साकार किया. इस कारण मोबाइल के एक क्लिक पर बिजली आपूर्ति खंडित और सुचारु करते आ सकती है. भविष्य में इस मॉडेल के जरिए बिजली की तकनीकि खराबी और अन्य अनेक सुविधा शामिल करते आ सकेगी, ऐसी जानकारी घोगंडे व रुद्रेश कानतोडे ने दी.