अमरावती

अब सर्पमित्रोें के लिए भी आचारसंहिता लागू

सांपों के खेल और स्टंटबाजी पर प्रतिबंध

अमरावती/दि.2– अब सर्पमित्रों के लिए भी एक आचारसंहिता लागू की गई है. जिसके चलते अब सर्पमित्रों द्वारा सांपों का खेल नहीं दिखाया जा सकेगा और सांप के साथ किसी तरह की कोई स्टंटबाजी भी नहीं की जा सकेगी. इसके अलावा अगर सांप आराम कर रहा है, तो उसे तकलीफ नहीं दी जा सकेगी और जरूरत नहीं रहने पर सांप को पकडा भी नहीं जा सकेगा. इसके अलावा शराब पीकर सांप पकडने पर भी प्रतिबंध रहेगा. साथ ही सांप को पकडते समय किसी भी तरह की फोटो या वीडियो शूटींग नहीं की जा सकेगी और किसी भी वजह से जिंदा सांप का प्रदर्शन भी कोई सर्पमित्र नहीं कर सकेगा. यदि इस आचार संहिता का कहीं पर भी उल्लंघन होता है, तो संबंधित सर्पमित्र के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी.
इस संदर्भ में वन्यजीव विभाग द्वारा यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में कहा गया है कि, सर्प संरक्षण स्वयंसेवक होने के इच्छूक व्यक्ति को स्थानीय उपवन संरक्षक अथवा विभागीय वन अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित प्रारूप के तहत आवेदन करना होगा. सर्प संरक्षण स्वयंसेवक बनने के इच्छूक व्यक्ति के पास सर्प विषयक शास्त्रीय ज्ञान व अनुभव रहना आवश्यक है और उनके द्वारा दिये गये आवेदन पर संबंधित वन अधिकारी का समाधान होने के उपरांत ही उस व्यक्ति का नाम सर्प संरक्षण स्वयंसेवक की सूची में शामिल करते हुए आम जनता की जानकारी के लिए प्रसारित किया जायेगा. विशेष उल्लेखनीय है कि, किसी भी पंजीकृत सर्पमित्र को उसकी सेवा के लिए कोई पारीश्रमिक नहीं दिया जाता है.
जहां पर भी आवश्यक है, वहां सांप को पकडकर कपडे से बनी थैली अथवा किसी योग्य कंटेनर या खोके में रखना होता है. घायल अवस्था में रहनेवाले या हाल-फिलहाल ही खाद्य भक्षण करनेवाले सांप को गहरे रंग की कपडे से बनी थैली में ही रखना होता है. किसी भी सर्पमित्र को दो बार सांप को संभालना होता. एक बार सांप को पकडते समय व दूसरी बार उसे छोडते समय सांप को उसके प्राकृतिक अधिवास में 24 घंटे के भीतर स्थानीय सर्प पुनर्वसन नीति के अनुसार वनविभाग के मार्गदर्शन में मुक्त छोडा जाना चाहिए. साथ ही इसकी जानकारी सर्प बचाव व पुनर्वसन के निर्धारित प्रारूप में दर्ज की जानी चाहिए. इसके अलावा सांप को छोडते समय उसकी प्राकृतिक आवाजाही के समय को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. जिसके तहत दिनचर सांपों को दिन में और निशाचर सांपों को रात में छोडा जाना चाहिए.

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