अमरावतीविदर्भ

अब जनता कर्फ्यू का निर्णय जनता ने लेना चाहिए

जिला प्रशासन संचारबंदी की तैयारी में नहीं

  • जिलाधिकारी शैलेश नवाल (Shailesh Nawal) का प्रतिपादन

अमरावती/दि.१९ – जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या १० हजार के ऊपर पहुंच चुकी है. शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र में हररोज कोरोना के नए मरीज पाए जा रहे है. कोरोना ने संपूर्ण राज्यभर में हाहाकार मचा रखा है. कोरोना की रोकथाम के लिए उपाय योजना के तहत राज्य के कुछ जिलों में संचारबंदी लागू करने का निर्णय लिया है. किंतु अमरावती जिले में किसी भी प्रकार की संचारबंदी के लिए जिला प्रशासन तैयार नहीं है. अब जनता कर्फ्यू का निर्णय स्वयं जनता ले ऐसा प्रतिपादन जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने व्यक्त किया है.
शुक्रवार को कोविड संक्रमण को लेकर संबंधित विषय पर मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी नवाल ने संवाद साधा था. जिसमें उन्होंने कहा कि कोरोना बाधित मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए बाजार,स्कूल बंद रखे या नहीं, मास्क लगाए या नहीं यह सब जनता को तय करना होगा. शासन स्तर पर कोविड के संदर्भ में विविध उपाय योजना की जा रही है. किंतु कुछ नागरिकों की लापरवाही के चलते संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा. ऐसे लापरवाह नागरिकों की वजह से मरीजों की संख्या बढ रही है. अब जनता स्वयं निर्णय ले ऐसा जिलाधिकारी नवाल ने स्पष्ट किया है.

मास्क न लगाने वालो से वसूला जा रहा था दंड

शहर की जनता द्वारा कोरोना को लेकर सभी आवश्यक निर्देशों का पालन करें जिसमें मास्क अनिवार्य रुप से लगाए किंतु कुछ लोग बगैर मास्क के ही घूम रहे है. ऐसे नागरिकों से ३०० रुपए दंड वसूला जाए ऐसे निर्देश जिलाधिकारी शैलेश नवाल द्वारा दिए गए थे. दूसरी ओर नागरिकों ने यह मानसिकता बना रखी है कि दंड भरेगें किंतु मास्क नहीं लगाएगें. जिसमें अब हर रोज १० से १२ हजार रुपए दंड नियमों का पालन न करने वाले नागरिकों से वसूला जा रहा है.

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