ग्राम पंचायत के विकास काम अब ठेकेदारों के जरिए ही होगे
न्यायालय के फैसले के बाद शासन के निर्देश जिप प्रशासन को पहुंचे
अमरावती/दि. 26 – जिले सहित संपूर्ण राज्य में 15 लाख रुपए तक विकास काम ग्राम पंचायत के जरिए किए जाने का विरोध जारी था. ठेकेदार संगठना ने इसके विरोध में न्यायालय में गुहार लगाई थी. इस संदर्भ की याचिका के कारण शासन को अपना निर्णय बदलाना पडा. 14 अगस्त को नए निर्देश जारी किए गए है. इस कारण राज्य सहित जिले के सैंकडो सुशिक्षित बेरोजगार अभियंता, मजदूर संस्था और पंजीकृत अभियंताओं को राहत मिली है. ठेकेदारों के जरिए निविदा प्रक्रिया से काम अब होगे, इस कारण कामगारों को रोजगार उपलब्ध होनेवाला है.
शासन के ग्रामविकास विभाग द्वारा 12 नवंबर 2021 को जिला परिषद व पंचायत समिति तथा शासन निधि से 15 लाख रुपए तक काम बगैर निविदा के ग्राम पंचायत को करने की अनुमति दी गई थी. इस निर्णय के कारण जिला परिषद के पास शासकीय मान्यता प्राप्त पंजीकृत रहे सुशिक्षित बेरोजगार, स्थापत्य अभियंता, ओपन ठेकेदार, मजदूर सहकारी संस्था को 15 लाख रुपए के भीतर के काम दिए नहीं जाते थे. इस कारण इस घटक व उस पर आधारित रहनेवाले ठेकेदार व मजदूर तथा आम लोगों के हाथ में काम न रहने से भूखमरी की नौबत आन पडी थी. इस निर्णय को राज्य कंत्राटदार महासंघ ने विरोध करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. साथ ही जिला परिषद से निकलनेवाले सभी 15 लाख रुपए तक काम नियमबाह्य तरीके से ग्राम पंचायत को दिए जाते रहने की शिकायते हो रही थी.
* उल्लंघन होने पर जिला परिषद पर जिम्मेदारी
न्यायालय के फैसले के बाद राज्य शासन द्वारा 14 अगस्त को जिला परिषद के लिए आदेश निकाला गया है. इसमें 12 नवंबर 2021 का शासन का पत्र और पश्चात 30 दिसंबर 2021 को विशेष प्रभाव से रद्द किए जाने की बात कही गई है. उल्लंघन होने पर जिला परिषद प्रशासन जिम्मेदार रहेगा, ऐसा भी इसमें स्पष्ट किया है.
* सुशिक्षित बेरोजगार अभियंता को काम मिलेंगे
ग्राम पंचायत की मांग रही तो 15 लाख रुपए तक गांव के अंतर्गत स्वरुप के काम, ग्राम पंचायत को दिए जाते थे. लेकिन अब यह काम ग्राम पंचायत को नहीं दिए जाएंगे. इस तरह के शासन निर्णय के कारण सुशिक्षित बेरोजगार अभियंता और छोटे ठेकेदारों के लिए अधिक काम उपलब्ध होगे और काम भी तेज गति से होगे.
– दिनेश गायकवाड, कार्यकारी अभियंता, निर्माण विभाग.
* शासन निर्णय से ठेकेदारों को मिलेंगे काम
जिला परिषद व शासन की निधि से 15 लाख रुपए तक काम बगैर निविदा के ग्राम पंचायत को दिए गए थे. इस निर्णय के कारण जिला परिषद के पास शासकीय मान्यता प्राप्त पंजीकृत रहे सुशिक्षित बेरोजगार, स्थापत्य अभियंता, ठेकेदार, मजदूर सहकारी संस्थाओं को काम नहीं मिल रहे थे. अब लेकिन शासन के निर्णय के कारण ठेकेदारों को काम मिलेंगे.
– विलास बमनोटे, ठेकेदार.