अमरावती/दि.7 – विधान परिषद की सीट हेतु कराए गए स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव निपट जाने के बाद अब सभी की निगाहे महानगरपालिका सहित जिला परिषद व पंचायत समिति के आगामी चुनाव की ओर टिक गई है और विधान परिषद चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखते हुए अब सभी नेताओं ने अपने-अपने किलों को बचाने के लिए नये सिरे से मोर्चाबंदी करनी शुरु कर दी है. जिसके चलते अब शहर में एक बार फिर मनपा चुनाव को लेकर कुछ हद तक गहमा गहमी दिखानी देनी शुरु हो गई है.
उल्लेखनीय है कि, विगत 1 वर्ष से मनपा के साथ-साथ जिला परिषद के चुनाव अधर में अटके पडे है और सभी स्वायत्त निकायों में प्रशासक राज चल रहा है. विगत 1 वर्ष के दौरान कई बार चुनावी प्रक्रिया के गतिमान होने की उम्मीद बंधती दिखाई दी. लेकिन हर बार किसी न किसी कारण के चलते चुनाव आगे टलते चले गए. ऐसे में हर बार बडे उत्साह के साथ चुनावी तैयारियों में जुटने वाले इच्छूको को मायूसी का सामना करना पडा. विगत 1 वर्ष के दौरान हमेशा ही चुनावी मोड और मूड में रहने वाली भाजपा में आगामी चुनाव को लेकर काफी हद तक आत्मविश्वास देखा जा रहा था. वहीं कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना जैसे राजनीतिक दलों द्बारा अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करते हुए इस बार अधिक से अधिक निकायों में सत्ता हासिल करने की तैयारी की जा रही थी. परंतु अब संभागीय स्नातक चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद महाविकास आघाडी में शामिल घटक दलों का आत्मविश्वास बढ गया. वहीं अब तक आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही भाजपा अब काफी हद तक संभलकर कदम उठा रही है. ऐसे मेें दोनों ओर से प्रत्याशी बनने के इच्छूक अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गए. लेकिन अब भी इस बात को लेकर संभ्रम बना हुआ है कि, नई प्रभाग रचना किस तरह से होगी और ओबीसी आरक्षण की स्थिति कैसे रहेगी. ऐसे में फिलहाल सभी इच्छूक स्थानीय स्तर पर विभिन्न उपक्रमों को चलाते हुए जनसंपर्क व नागरिकों की समस्याओं के लिए आंदोलन जैसी बातों पर जोर दे रहे है. जिसके तहत कांग्रेस द्बारा हाथ से हाथ जोडो अभियान के तहत लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं राकांपा व ठाकरे गुट वाली शिवसेना द्बारा सरकार के खिलाफ मुखर होकर आंदोलन किए जा रहे है. साथ ही भाजपा द्बारा विभिन्न कार्यक्रम व उपक्रम चलाते हुए अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा जा रहा है. इसके अलावा बसपा, वंचित बहुजन आघाडी, रिपाई, मनसे व आम आदमी पार्टी द्बारा भी अपने-अपने स्तर पर चुनावी तैयारियां की जा रही है.