अमरावती

अब सुबह की पहली अजान होगी लाउडस्पीकर के बिना

पुलिस व मुस्लिम धर्मगुरूओं की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय

* पुलिस का ‘मिशन शांतता’ रहा पूरी तरह सफल
* सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर, उपद्रवियों पर होगी कार्रवाई
अमरावती/दि.7- मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर होनेवाली अजान को लेकर आपत्ति दर्ज कराने और लाउडस्पीकर बंद नहीं करने पर दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा पढने की चेतावनी दी गई थी. जिसके लिए राज्य सरकार को 4 मई तक का अल्टीमेटम भी दिया गया था. ऐसे में दो धर्मों के बीच संभावित संघर्ष को टालने हेतु शहर में पुलिस द्वारा तमाम ऐहतियाती कदम उठाये जा रहे है और कानून व व्यवस्था की स्थिति को बनाये रखने के साथ ही प्रभावी उपाययोजनाओं पर अमल करने हेतु पुलिस अब ‘मिशन शांतता’ चला रही है. जिसके तहत गत रोज ही शहर पुलिस आयुक्तालय में मुस्लिम समाज के धर्मगुरूओं के साथ एक बैठक हुई. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि, रोजाना सुबह करीब 5.15 बजे होनेवाली फजर की नमाज के लिए अब लाउडस्पीकर पर अजान नहीं दी जायेगी. जिसके पश्चात आज शहर के 183 में से अधिकांश मस्जिदों में सुबह की पहली अजान के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया गया. जिसे पुलिस के लिए ‘मिशन सक्सेसफुल’ वाली स्थिति माना जा रहा है.
बता दें कि, विगत कुछ दिनों से लाउडस्पीकर को लेकर तनातनीवाली स्थिति को देखते हुए पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह तथा पुलिस उपायुक्त एम.एम. मकानदार व विक्रम साली द्वारा मुस्लिम धर्मगुरूओं, मस्जिद ट्रस्ट कमेटियों के विश्वस्तों तथा हेल्पलाईन के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठक करते हुए चर्चा की जा रही है. जिसमें संबंधितों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से अवगत कराया गया है और ध्वनि प्रदूषण करने पर होनेवाली कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी गई. इसके अलावा पुलिस थाना स्तर पर भी इसे लेकर आवश्यक जनजागृति की जा रही है.

* मुस्लिम धर्मगुरूओं ने खुद की पहल
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, शहर के कई मुस्लिम धर्मगुरूओें ने सुबह की नमाज से पहहले अजान के लिए तडके 5 बजे लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करने का निर्णय लिया है. जिससे शहर पुलिस आयुक्तालय को भी अवगत करा दिया गया है. वहीं इस दौरान शहर पुलिस आयुक्तालय द्वारा शहर में स्थित सभी धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को लाउडस्पीकर की अनुमति के लिए आठ पन्नों का प्रपत्र सौैंपा गया है. जिसमें संबंधित धार्मिक व प्रार्थना स्थल तथा उसके विश्वस्तों की जानकारी दर्ज करते हुए शपथपत्र व आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर ही लाउडस्पीकर को अनुमति दी जायेगी.

* ध्वनि प्रदूषण साबित होने पर पांच वर्ष की कैद
धार्मिक स्थल या प्रार्थना स्थल पर लाउडस्पीकर के प्रयोग हेतु अब आवेदन भरवाये जा रहे है और इन आवेदनों में ध्वनि संबंधी अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी गई है. ध्वनि प्रदूषण (विनियमन व नियंत्रण) अधिनियम 2000 के अनुसार साईलेेंट झोन व इसके 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर का प्रयोग करने अथवा किसी भी तरह का वाद्य बजाने की मनाई है. इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधितों के खिलाफ ध्वनिप्रदूषण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया जा सकता है और अपराध साबित होने के बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत पांच वर्ष की कैद व 1 लाख रूपये के जुर्माने अथवा दोनों सजाओं का प्रावधान है.

* क्या है पुलिस का आदेश
पुलिस द्वारा दी जानेवाली अनुमति डीजे जैसे ध्वनिनिक्षेपकों के लिए नहीं है, बल्कि यह केवल नियमित ध्वनिनिक्षेपक यानी भोंगेनुमा लाउडस्पीकरों के लिए ही लागू रहेगी. इसके साथ ही अगर एक ही स्थान पर एक से अधिक भोंगे बजाये जा रहे है, तो उनकी एकत्रित ध्वनि की तीव्रता निर्धारित मर्यादा से अधिक न हो, इसे लेकर संबंधित धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को ही सतर्कता बरतनी होगी.

* साईलेंट झोन में नहीं बजेंगे लाउडस्पीकर
साईलेेंट झोन में शामिल रहनेवाले अदालत, स्कुल, कॉलेज, दवाखाने, अस्पताल व सरकारी कार्यालय परिसरों में एवं उनके आसपास लाउडस्पीकर का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसके अलावा जिन कारणों के चलते लाउडस्पीकर के लिए अनुमति दी गई है, यदि उसके अलावा किसी अन्य कार्य या कारण के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोेग होता है, तो तत्काल ही अनुमति को रद्द करते हुए संबधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

* ऐसी है ध्वनि की अधिकतम मर्यादा
क्षेत्र          सु. 6 से रात 10 बजे तक   रात 10 से सु. 6 बजे तक
औद्योगिक            75                                            70
व्यापारी               65                                            55
निवासी                55                                            45
शांतता                 50                                             40

Related Articles

Back to top button