अब नोटीस-नोटीस का खेल होगा बंद, जर्जर इमारतों को खुद गिरायेगी मनपा
पुरानी व खस्ताहाल इमारतों का तेज गति से हो रहा स्पॉट वेरिफिकेशन
अगले सप्ताह से शुरू होगी तोडू कार्रवाई
अमरावती/दि.3- विगत रविवार को प्रभात चौक के पास स्थित राजेंद्र लॉज की इमारत ढह जाने की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद शहर में रहनेवाली पुरानी, जर्जर व खस्ताहाल इमारतों की मनपा द्वारा की जा रही अनदेखी को लेकर काफी होहल्ला मचा. साथ ही मनपा प्रशासन पर कर्तव्य में कोताही और लापरवाही के जमकर आरोप भी लगाये जाने लगे. ऐसे में अब मनपा प्रशासन ने पुरानी व जर्जर इमारतों की सूची जारी करते हुए नोटीस-नोटीस खेलने की बजाय ऐसी इमारतों को गिराने की कार्रवाई करने का ऐलान किया है. जिसके तहत कहा गया है कि, इससे पहले जिन लोगोें को मनपा की ओर से नोटीस मिल चुकी है, यदि वे अपनी पुरानी, जर्जर व खस्ताहाल इमाारतों को खुद होकर नहीं गिराते है, तो ऐसी इमारतों को मनपा प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर गिरा दिया जायेगा.
बता दें कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में कुल 32 इमारतों को बेहद जर्जर व खस्ताहाल के तौर पर चिन्हित किया गया था. जिसमें से 10 इमारतों को इसके पहले गिराया जा चुका है. ऐसे में अब 32 जर्जर व खस्ताहाल इमारतें शहर में बची हुई है. इसमें से पांच जीर्ण-शीर्ण इमारतों में अब भी किरायेदार व दुकानदार रहने की जानकारी निर्माण विभाग ने आयुक्त आष्टीकर को दी. ऐसे में उन पांच इमारतों को तत्काल निर्मनुष्य करते हुए उन्हें जमींदोज करने का निर्देश आयुक्त आष्टीकर द्वारा जारी किया गया. साथ ही मनपा अधिकारियों से कहा गया कि, सी-1 श्रेणी में शामिल इमारतों को नोटीस देकर जिम्मेदारी पूर्ण न की जाये, बल्कि ऐसी इमारतों में तुरंत ही बिजली व पानी की आपूर्ति बंद करते हुए इन इमारतों को खाली कराया जाये और तुरंत ही तोड दिया जाये.
जानकारी के मुताबिक मनपा प्रशासन ने दो दिन पूर्व बॉम्बे फैल इलाके में एक पुरानी व जर्जर वॉल कंपाउंड को तोडने की कार्रवाई की. वही गत रोज राजापेठ परिसर की पुरानी इमारत के जर्जर हिस्से को तोडा गया. साथ ही विगत रविवार को ढह चुकी राजेंद्र लॉज की इमारत के शेष हिस्से को आज मनपा के तोडू दस्ते द्वारा तोडने की कार्रवाई की गई. वहीं अब सोमवार 7 नवंबर से अमरावती शहर में सी-1 श्रेणी के तहत शामिल सभी इमारतों को तोडा जायेगा, ताकि भविष्य में राजेंद्र लॉज वाली इमारत ढहने जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.