अमरावती

अब घर बनाना हुआ महंगा

भवन निर्माण साहित्य के दामों में तेजी

* निर्माण साहित्य व फ्लैट के दामों में 10 फीसद इजाफा
* स्टील, एल्युमिनियम व बिल्डींग मटेरियल की कीमतों में उछाल
अमरावती/दि.25– कोविड संक्रमण काल के दौरान भवन निर्माण सहित घरों की खरीदी-बिक्री के क्षेत्र में काफी हद तक मंदी छायी हुई थी. कोविड संक्रमण की महामारी का दौर बीतने के बाद अभी जैसे-तैसे बाजार ने संभलना शुरू ही किया था कि, रियल ईस्टेट के क्षेत्र में अब महंगाई का साया मंडरा रहा है, क्योंकि इस समय भवन निर्माण हेतु लगनेवाले सभी साहित्यों के भाव में इजाफा होना शुरू हो गया है और इस समय भवन निर्माण साहित्य के दामों में करीब 10 फीसद की वृध्दि हो गई है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण की महामारी का दौर बीतने के बाद इस वर्ष दीपावली व दशहरा जैसे पर्व शानदार रहने की उम्मीद रियल ईस्टेट क्षेत्र के व्यवसायियों को थी. लेकिन इसी दौरान रूस व यूक्रेन के बीच शुरू हुए युध्द की वजह से एक बार फिर सभी क्षेत्रों में महंगाई का दौर शुरू हो गया है तथा इस समय लोहा, स्टिल, एल्युमिनियम, सिमेंट, सरिया व रेती की कीमतों में करीब 10 फीसद की वृध्दि हो गई है. जिसके चलते अब घर बनाना पहले की तुलना में कुछ महंगा हो गया है.
बता दें कि, रूस व यूक्रेन के बीच युध्द की स्थिति पैदा होने के बाद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों में स्टिल कंपनियो के शेयर विगत एक सप्ताह के दौरान काफी तेजी पर है. वहीं इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के समक्ष रूपया कमजोर होने के चलते देश में लगभग सभी वस्तुओं के दामों पर इसका असर पडना शुरू हो गया है. वही दूसरी ओर रूस व यूक्रेन के बीच युध्द कब खत्म होगा, इसका अंदाजा लगाना फिलहाल मुश्किल है. ऐसे में भले ही बिल्डींग मटेरियल के दामों में तेजी है. किंतु पहले से शुरू किये गये प्रोजेक्ट के कामों को रोका नहीं जा सकता. ऐसे में बिल्डरों द्वारा फिलहाल प्रगति पथ पर रहनेवाले प्रोजेक्ट को नुकसान सहन करते हुए पूर्ण करना होगा. वहीं नये प्रोजेक्ट में लागत बढ जाने के चलते फ्लैट की कीमतों को दस फीसद तक बढाया जा सकता है. ऐसे में एक बार फिर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अपने घर का सपना देखना महंगा हो सकता है.
* प्रति स्क्वेअर फीट 400 से 500 रूपये तक बढा खर्च
लोहा, स्टील, सरिया व एल्युमिनियम जैसी वस्तुओं के दाम बढ जाने के चलते निर्माण कार्य पर होनेवाला खर्च पहले की तुलना में प्रति स्क्वेअर फीट 400 से 500 रूपये तक बढ गया है. इस दौरान निर्माण साहित्य उत्पादक कंपनियोें द्वारा विविध कारणो का हवाला देते हुए लगातार अपने उत्पादों के दर बढाये जा रहे है. जबकि वैश्विक बाजार में भारत की तुलना में इन वस्तुओं के दाम काफी कम है. किंतु देश में लगातार बढती महंगाई और रूस-यूक्रेन युध्द की वजहों को आगे करते हुए लगातार दरवृध्दि की जा रही है. ऐसे में सरकार ने दरों को नियंत्रित करने हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए. ऐसी अपेक्षा क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष राम महाजन द्वारा व्यक्त की गई है.

* प्रति वर्ष अप्रैल माह में होती है दरवृध्दि
यद्यपि कोविड संक्रमण के साथ ही रशिया व यूक्रेन युध्द के परिणाम की वजह से लोहा, स्टिल व एल्युमिनियम जैसी वस्तुओेें के दाम बढने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. वही एक हकीकत यह भी है कि, प्रतिवर्ष साधारणत: अप्रैल माह में लोहा, स्टिल व सिमेंट के दाम बढते ही है. क्योंक सभी लोग बारिश का मौसम शुरू होने से पहले-पहले अपने निर्माण कार्य में प्लिथं व स्लैब का काम पूरा कर लेना चाहते है. जिसके चलते मांग में अचानक ही इजाफा हो जाता है और आपूर्ति का संतुलन गडबडा जाने की वजह से बिल्डींग मटेरियल के दामों में वृध्दि होती है.

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