अब अंबादेवी की यात्रा में जमने लगा रंग
अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिरों में भाविकों की उमड रही भीड
* व एकवीरा देवी मंदिरों में भाविकों की उमड रही भीड
* देवी दर्शन हेतु लगी लंबी-लंबी कतारे, महिलाओं की भीड अधिक
* सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर बंदोबस्त तैनात, सीसीटीवी के जरिए रखी जा रही नजर
अमरावती/दि.7– विगत 3 अक्तूबर से शुरु हुए 9 दिवसीय शारदीय नवरात्रोत्सव के निमित्त स्थानीय राजकमल चौक चौराहे से गांधी चौक ेके बीच सजी अंबादेवी की यात्रा ने अब रंग पकडना शुरु कर लिया है. परसों शनिवार व कल रविवार को साप्ताहिक अवकाश वाले दिन रहने के चलते लोगबाग अपने परिवार सहित देवी दर्शन एवं यात्र में खरीददारी करने हेतु पहुंचे. जिसके चलते अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिरों में भाविक श्रद्धालुओं अच्छी खासी भीड दिखाई दी और भाविक श्रद्धालु देवी दर्शन हेतु लंबी-लंबी कतारों में खडी रही. इसमें भी महिलाओं की संख्या विशेष उल्लेखनीय रही. जिन्होंने देवी दर्शन करने के साथ ही देवी के समक्ष ओटी भरने की विधि भी पूर्ण की. इसके साथ ही देवी दर्शन करने हेतु पहुंचे भाविक श्रद्धालुओं ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ अंबादेवी की यात्रा में लगी विभिन्न जीवनोपयोगी वस्तुओं की खरीददारी करने का भी आनंद लिया.
बता दें कि, अमरावती शहर व जिले सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र की कुलस्वामिनी कही जाती अंबादेवी व एकवीरा देवी के मंदिरों में वैसे तो पूरे सालभर, विशेषकर मंगलवार को भाविक श्रद्धालुओं की अच्छी खासी तादाद देवी देर्शन हेतु उमडती है. वहीं नवरात्रोत्सव के दौरान इन दोनों मंदिरों में रिकॉर्डतोड भीड रहती है. इस दौरान मूलत: अमरावती से वास्ता रखने वाले परंतु अपने कामकाज के निमित्त किन्हीं अन्य शहरों में रहने वाले लोगबाग भी अमरावती लौटकर देवी दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित करते है. साथ ही साथ अमरावती शहर व जिले सहित आसपास क्षेत्रों में रहने वाले लोगों द्वारा भी इस दौरान अमरावती पहुंचकर देवी दर्शन का लाभ लिया जाता है. जिसके चलते परसों शनिवार व कल रविवार को अवकाश वाले दिन रहने के चलते सुबह से लेकर देर रात तक अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिरों में हर आयु वर्ग के महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीडभाड दिखाई दी.
* करीब 20 हजार महिलाओं ने भरी ओटी
– ओटी स्वीकारने के लिए 4 विशेष काउंटर
यूं तो पूरे सालभर अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिरों के गर्भगृह में ही देवी की प्रतिमा के समक्ष महिला श्रद्धालुओं द्वारा ओटी भरी जाती है. परंतु नवरात्रोत्सव के दौरान गर्भगृह में रहने वाली भीडभाड को देखते हुए व्यवस्था बनाए रखने हेतु मंदिर के भीतर ओटी स्वीकार करने की व्यवस्था बंद रहती है. बल्कि इसके लिए मंदिर परिसर में विशेष काउंटर बनाये जाते है. जिसके तहत इस वर्ष मंदिर में गर्भगृह से थोडी दूरी पर 4 विशेष काउंटर बनाये गये है. जहां पर तैनात मंदिर संस्थान के कर्मचारियों द्वारा ओटी स्वीकार करने का काम किया जा रहा है. इन काउंटरों पर ओटी भरने वाली महिलाओं की दो स्वतंत्र कतारे लगाई गई थी. जहां पर गत रोज तडके 5 बजे से रात 11 बजे तक करीब 20 हजार महिला श्रद्धालुओं द्वारा देवी के लिए ओटी अर्पित की गई. बता दें कि, देवी को अर्पित की जाने वाली ओटी में खण, नारियल, साडी-चोली, आभूषण, सौभाग्य अलंकार, चावल, खारिक, बदाम, हल्दी व सुपारी का समावेश होता है. इन तमाम वस्तुओं की विक्री हेतु मंदिर परिसर के असपास कई तरह की दुकानें सजी रहती है. साथ ही कई महिलाएं अपने घरों से ही ओटी अर्पित करने हेतु तमाम साहित्य लेकर पहुंचती है.
* भीडभाड को नियंत्रित करने शानदार व्यवस्था
नवरात्र उत्सव के दौरान अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिर में होने वाली भीडभाड को नियंत्रित करने तथा व्यवस्था बनाए रखने हेतु दोनों मंदिरों में शानदार इंतजाम किये गये है. जिसेक तहत महिला व पुरुष हेतु अलग-अलग कतारे लगाने के साथ ही उन्हें स्वतंत्र प्रवेश द्वारों से मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. साथ ही मंदिर से बाहर निकलने हेतु स्वतंत्र मार्ग की व्यवस्था की गई है. जिसके चलते दर्शनार्थियों की कतारे लगातार आगे बढती रहती है और कतार में लगे दर्शनार्थियों को कही पर भी किसी भी तरह के अवरोध का सामना नहीं करना पडता.
* महिलाओं व बच्चों में खरीददारी को लेकर उत्साह नवरात्रोत्सव के निमित्त राजकमल चौक से गांधी चौक के बीच सजे मेले के साथ-साथ गांधी चौक से गौरक्षण चौक की ओर जाने वाले रास्ते तथा एकवीरा देवी मंदिर के पीछे स्थित गोरक्षण के सामने वाले प्रांगण में भी कई तरह की दुकानें सजी हुई है. जहां पर खरीददारी करने हेतु महिलाओं व बच्चों में काफी अधिक उत्साह देखा जा रहा है. महिला व बच्चों के लिए नवरात्रोत्सव की यात्रा एक तरह से आकर्षण का केंद्र होती है. क्योंकि इस यात्रा में विभिन्न तरह के खेल खिलौने व शालेय साहित्य की दुकानें लगने के साथ-साथ डे्रस मटेरियल, ज्वेलरी व मेकअप किट सहित घरेलू साजसज्जा की विभिन्न वस्तुओं की दुकानें लगती है. जहां पर आगामी दशहरा व दीपावली के पर्व को ध्यान में रखते हुए महिलाओं द्वारा जमकर खरीददारी की जाती है. वहीं बच्चों का पूरा फोकस अपने लिए खिलौने खरीदने की ओर रहता है. इसके अलावा इस यात्रा में खाने पीने की वस्तुओं से संबंधित कई दुकानें भी लगती है. जहां पर लोगबाग परिवार सहित खाने-पीने का आनंद भी लेते है.