अमरावती

अब एक क्लिक पर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का साहित्य होगा उपलब्ध

महाराज के अंतिम संंदेश की इच्छापूर्ति

अमरावती/दि.3- राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का साहित्य उपलब्ध कर देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के जनसंपर्क का कामकाज करने वाली एक कंपनी ने सामाजिक उत्तरदायित्व के रुप में वेबसाइट तैयार की है. जिसके जरिए राष्ट्रसंत का साहित्य एक क्लिक पर उपलब्ध होने वाला है.
मेरा साहित्य स्वार्थ के लिए इस्तेमाल न करते जनकल्याण के लिए लोगों के पास पहुंचाने का अंतिम संदेश राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने अपने निधन के पूर्व 20 अगस्त 1968 को मुंबई अस्पताल से दिया था. राष्ट्रसंत के तत्कालीन सचिव जर्नादन बोथे ने यह संदेश तब रिकॉर्ड कर प्रसारित किया था. वेबसाइट के अनावरण के अवसर पर अखिल भारतीय श्री गुरुदेव सेवा मंडल के उपसर्वाधिकारी दामोदर पाटिल, प्रचार प्रमुख प्रकाश वाघ, सेवाश्रम समिति प्रमुख डॉ. राजाराम बोथे, स्वास्थ्य विभाग प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम पालेकर, दिलीप कोहले, सुशील वनवे, डॉ. दिगंबर निंघोट समेत केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, गुरुदेव भक्त और श्रद्धालु इस अवसर पर बडी संख्या में उपस्थित थे.
* 5 हजार प्रकार में राष्ट्रसंत का गद्य और पद्य
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने 5 हजार प्रकार के गद्य और पद्य विशाल ग्रंथ संपदा की रचना की. जिसमें विशेषकर ग्रामगीता, मेरी जापान यात्रा, अभंग गाथा, लहर की बरखा, श्री गुरुदेव मासिक, आदेश रचना इत्यादि ग्रंथ संपदा का समावेश है. सेवा के रुप में कंपनी वेबसाइट की देखरेख और दैनंदिन कार्यचलन नि:शुल्क करने वाली है.

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