अब शहर में नये सिरे से काम पर जुटेगी विलास व बबलू की जोडी
विधानसभा चुनाव की हार को भुलाकर मनपा चुनाव के लिए शुरु की जाएगी तैयारी
* जल्द ही शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों की होगी महत्वपूर्ण बैठक
* मनपा चुनाव में जीत के लिए तय किये जाएंगे समीकरण, रणनीति पर होगा विचार
अमरावती/दि.25 – हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में वोटों के जबर्दस्त ध्रुवीकरण की वजह से कांग्रेस को अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में करारी हार का सामना करना पडा. जबकि अमरावती निर्वाचन क्षेत्र को हमेशा से ही कांग्रेस का मजबूत गढ माना जाता रहा है और पिछला चुनाव भी अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस ने ही जीता था. ऐसे में अब इस हार से सबक सिखते हुए शहर कांग्रेस द्वारा आगामी कुछ समय बाद होने जा रहे महानगरपालिका के चुनाव हेतु अभी से ही रणनीति तय करते हुए तैयारी करनी शुरु कर दी है. जिसके चलते विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख के बिल्कुल दाये-बाये रहने वाले पूर्व महापौर विलास इंगोले व कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत की जोडी अब शहर में एक बार फिर कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने के काम में जुट गई है. जिसके तहत जल्द ही शहर कांग्रेस पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाते हुए भविष्य की रणनीति तैयार करने पर काम शुरु कर दिया जाएगा. ऐसी विश्वसनीय जानकारी सामने आयी है.
बता दें कि, इस बार के विधानसभा चुनाव में महायुति की ओर से भाजपा द्वारा ‘बंटोंगे तो कटोंगे’ और ‘एक है तो सेफ है’ जैसे नारे दिये गये थे. जिसके चलते समाज के दो प्रमुख धडों में वोटों का जबर्दस्त धु्रवीकरण हुआ. इसका असर अमरावती में भी दिखाई दिया. जहां एक ओर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी अलीम पटेल ने मुस्लिम मतदाताओं के गठ्ठा वोट हासिल किये. वहीं दूसरी ओर हिंदुत्व का नाम लेकर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लडने वाले जगदीश गुप्ता ने अपने पक्ष में हिंदू वोटों का जबर्दस्त धु्रवीकरण किया. ऐसे में इस धु्रवीकरण का सीधा खामियाजा कांग्रेस को उठाना पडा. क्योंकि उसका अच्छा खासा वोट बैंक इधर-उधर खीसक चुका था और मुस्लिम बहुल इलाकों में तो कांग्रेस ने अपना लगभग पूरा वोट बैंक खो दिया था. ऐसी स्थिति में 15 वर्ष बाद कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा का चुनाव लड रहे सुनील देशमुख सहित अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की नैया को पार लगाने का पूरा जिम्मा विलास व बबलू की जोडी पर ही था और इस जोडी ने अपने संपर्कों का पूरा फायदा उठाते हुए शहर के लगभग सभी इलाकों से कांगे्रस प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख को वोट दिलाये. जिसके चलते डॉ. सुनील देशमुख काफी सम्मानजनक स्थिति में भी रहे.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की कमान पूर्व महापौर विलास इंगोले व कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत के ही हाथों में थी और शहर कांग्रेस के इन दोनों नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए जमकर प्रयास करने के साथ ही स्थानीय मतदाताओं सहित सर्विस वोटर्स यानि डाक मतदाताओं तक भी अपनी पहुंच बनाई. जिसकी बदौलत ईवीएम वोटों के मामलों में तीसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख डाक मतों की गिनती के बाद दूसरे स्थान पर पहुंचे. ऐसे में माना जा रहा है कि, विधानसभा चुनाव में विलास इंगोले व बबलू शेखावत द्वारा की गई मेहनत को देखते हुए इन दोनों नेताओं के पास ही आगे भी शहर कांगे्रस की कमान रहेगी. ज्ञात रहें कि, लोकसभा व विधानसभा जैसे बडे चुनावों में अब कांग्रेस का भविष्य कोई खास उज्वल दिखाई नहीं दे रहा, लेकिन स्थानीय निकायों की राजनीति में मामला कुछ अलग रहता है और चुनावी मुद्दे भी काफी अलग रहते है. ऐसे में विगत 25-30 वर्षों से मनपा का हिस्सा रहने के साथ ही स्थानीय स्तर की राजनीति को अपनी चाणक्य नीति से चलाने वाले पूर्व महापौर विलास इंगोले तथा उनकी युवा सहयोगी व कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत की जोडी एक बार फिर शहर कांग्रेस को फिनिक्स पक्षी के तौर पर राजनीतिक उडान देने का प्रयास करते दिखाई दे रहे है. जिसमें विलास व बबलू की जोडी के सामने सबसे पहले मुस्लिम मतदाताओं के बीच एक बार फिर कांग्रेस को स्थापित करना बडी चुनौती रहेगा और जिन क्षेत्रों से कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं के बराबर वोट मिले है, उन क्षेत्रों तक अपनी पहुंच भी बनानी हेागी.
बता दें कि, हर चुनाव में मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है और जरुरी नहीं होता कि, एक चुनाव में जो प्रत्याशी थोडा बहुत अच्छा प्रदर्शन कर ले, उसे अगले चुनाव में भी जनता द्वारा उसी तरह का प्रतिसाद दिया जाये. राजनीति व चुनाव के इस अलिखित नियम का निश्चित तौर पर शहर कांग्रेस द्वारा पूरा फायदा उठाया जाएगा और जिन-जिन क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव हेतु वोटों का धु्रवीकरण हुआ है, उन सभी क्षेत्रों में एक बार फिर अपनी पैठ बनाई जाएगी. जिसके लिए रणनीति तय करने हेतु शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों की जल्द ही एक बैठक होने जा रही है. चूंकि अब अपनी बढती उम्र और विधानसभा चुनाव में हुई हार के चलते डॉ. सुनील देशमुख की राजनीति में सक्रियता निश्चित तौर पर कुछ हद तक कम होगी. ऐसे में यह तय है कि, कांग्रेस पार्टी द्वारा अमरावती शहर कांग्रेस की कमान विलास इंगोले व बबलू शेखावत जैसे ‘यंग ब्रिगेडियर्स’ को ही सौंपी जाएगी और इन्हीं दोनों के नेतृत्व में शहर कांग्रेस द्वारा आगामी मनपा चुनाव का सामना किया जाएगा.