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संस्कृति राऊत की मृत्यु को लेकर अब पुलिस ‘कन्फ्यूज्ड’

हत्या या आत्महत्या को लेकर अब तक बना हुआ है संभ्रम

* मर्डर को लेकर तमाम जांच के बावजूद कोई सबूत या सुराग नहीं
* अब सुसाईड वाले एंगल से की जाएगी मामले की जांच
* फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट मिलने का इंतजार
* विशेषज्ञों से भी ली जा रही सलाह
अमरावती /दि. 18- विगत 28 जनवरी को तपोवन परिसर के जिजाऊ नगर में रहनेवाली संस्कृति संजय राऊत नामक 25 वर्षीय युवती उसके ही घर में संदेहास्पद रुप से मृत पडी मिली थी. इस घटना को घटित हुए आज 20 दिन हो चुके है. लेकिन पुलिस अब तक यह पता लगाने में नाकाम साबित हुई है कि, आखिर एक पुलिस कर्मी की बेटी रहनेवाली संस्कृति राऊत की मौत कैसे हुई थी. संस्कृति राऊत की मौत हत्या का मामला है या आत्महत्या का, इसे लेकर लंबी जांच के बाद अब खुद पुलिस संभ्रम का शिकार होती दिखाई दे रही है. पहले एक-दो दिन तक संस्कृति राऊत की मौत को आत्महत्या का मामला मानकर चलने के बाद पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद इसे हत्या का मामला माना था तथा हत्या की धारा के तहत अपराध दर्ज करते हुए जांच शुरु की थी. लेकिन इस जांच के दौरान पुलिस को हत्या से संबंधित मामले के संदर्भ में कोई सबूत, सुराग या संदिग्ध नहीं मिला. जिसके चलते अब पुलिस एक बार फिर आत्महत्यावाले ऐंगल की ओर मुड गई है तथा संस्कृति राऊत की मौत को आत्महत्या का मामला मानते हुए अब एक बार फिर नए सिरे से जांच करनी शुरु की गई है. ऐसे में स्पष्ट है कि, लंबी जांच के बावजूद मामले में कोई सफलता नहीं मिलने के चलते पुलिस कुछ हद तक संभ्रम का शिकार हो गई है.
बता दें कि, अमरावती ग्रामीण पुलिस के खल्लार पुलिस थाने में पदस्थ रहने वाले पुलिस कर्मी संजय राउत अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ तपोवन परिसर स्थित जीजाउ कालोनी में रहते है. विगत 28 जनवरी की शाम संजय राउत हमेशा की तरह अपनी ड्यूटी पर गये हुए थे. वहीं उनकी पत्नी व एक बेटी किसी काम के चलते घर से बाहर गई हुई थी. इस समय संस्कृति राउत घर पर अकेली थी. रात करीब 8.30 बजे के आसपास जब सभी लोग बाहर से घर वापिस लौटे, तो संस्कृति राउत नीचे जमीन पर पडी दिखाई दी. जिसके गले के चारों ओर स्कॉर्फ लिपटा हुआ था. जिसके नाक व मुंह से खून भी निकल रहा था. इस समय आवाज देने व काफी हिलाने-डुलाने पर भी जब संस्कृति राउत के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई, तो राउत परिवार द्वारा इसकी सूचना आसपडोस के लोगों को देने के साथ ही गाडगे नगर पुलिस को दी गई. जिसके बाद गाडगे नगर पुलिस के पथक ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया तथा संस्कृति राउत के मृत हो जाने की तस्दीक करते हुए उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. पोस्टमार्टम के दौरान संस्कृति राउत के गले पर फंदा कसने का निशान पाया गया. साथ ही साथ उसके शरीर पर हाथापायी की वजह से लगी चोट के कुछ निशान भी पाये गये. इसके अलावा जिस कमरे में संस्कृति राउत का शव पडा मिला, उस कमरे के पंखे से रस्सी या दुपट्टे का फंदा बंधे होने के कोई निशान व सबूत नहीं मिले थे. इस मामले की जांच को लेकर गंभीरता दिखाते हुए खुद शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने घटनास्थल को भेंट देते हुए संस्कृति राऊत के परिजनों से चर्चा की थी और परिसर का मुआयना करते हुए आसपास रहनेवाले लोगों से बातचीत भी की थी. साथ ही साथ सीपी रेड्डी ने मामले की जांच हेतु गाडगे नगर पुलिस का सहयोग करने हेतु क्राईम ब्रांच के दो व स्पेशल स्क्वॉड के एक ऐसे तीन पथकों को भी मामले जांच हेतु काम पर लगाया था. परंतु पुलिस द्वारा लाख प्रयास किए जाने के बावजूद अब तक संस्कृति राऊत मृत्यु मामला पुलिस के लिए एक अनसुलझी गुत्थी बना हुआ है. जिसे सुलझाने हेतु हाथ में अब तक कोई सबूत या सुराग नहीं रहने के चलते पुलिस के लिए इस घटना का पर्दाफाश करना काफी चुनौतिपूर्ण साबित हो रहा है.
ऐसे में पुलिस द्वारा फॉरेंसिक रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है. साथ ही साथ विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे इस मामले में उनकी राय भी ली जा रही है. पुलिस सूत्रों का मानना है कि, इसे हत्या का मामला मानकर आगे बढने के चलते मामले में जांच काफी तेजगति से हुई और हर छोटी-छोटी बात को लेकर पडताल की गई. परंतु लंबी जांच और कई लोगों से पूछताछ के बाद अब यह महसूस हो रहा है कि, संभवत: यह हत्या का नहीं बल्कि आत्महत्या का ही मामला हो सकता है. ऐसे में अब पुलिस द्वारा इस बात को ध्यान में रखते हुए जांच को आगे बढाने का निर्णय लिया जा रहा है.

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