अमरावती

अब मराठी शालाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार

16 उद्देशों के साथ ‘केआरए’ पर अमल शुरू

* आधुनिक शिक्षा सुविधाओं पर दिया जायेगा जोर
अमरावती/दि.3- शैक्षणिक गुणवत्ता को बढाने के साथ ही मराठी शालाओें में विद्यार्थियों की संख्या व हाजरी बढाने के लिए शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए ‘केआरए’ निश्चित किया गया है. इसमें कुल 16 लक्ष्य तय किये गये है. ‘केआरए’ को प्रभावी रूप से अमल में लाये जाने पर सभी मराठी माध्यमवाली शालाओं में आधुनिक शिक्षा सुविधाओं पर विशेष जोर दिया जायेगा. जिससे इन मराठी शालाओं में पढनेवाले बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारा जा सकेगा. उल्लेखनीय है कि, राज्य सरकार तथा शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शालाओं की गुणवत्ता को उंचा उठाने के लिए विविध उपक्रम एवं योजनाओें को चलाया जा रहा है. जिसके लिए 16 उद्देशों के साथ ‘केआरए’ को लागू किया गया है. जिसमें प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों की गुणवत्ता को दस प्रतिशत की वृध्दि करने, एमआयएस प्रणाली विकसित करने तथा ई-कंटेंट को विकसित करने आदि बातों का समावेश है.

* क्या है ‘केआरए’
शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग द्वारा लागू किये गये ‘केआरए’ में कुल 15 लक्ष्य तय किये गये है. जिसमें प्रमुख रूप से गुणवत्ता वृध्दि पर जोर दिया गया है. साथ ही कक्षा 10 वीं तक पहुंचते-पहुंचते कक्षाओं में छात्राओं की संख्या घटने को कम करने पर भी विशेष ध्यान देने की बात तय की गई है.

* शिक्षकों को भी दिया जायेगा प्रशिक्षण
जिले में जो शिक्षक वरिष्ठ श्रेणी या चयन श्रेणी धारक है, उन्हें ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टीम विकसित की जायेगी और इस जरिये हजारों शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा. जिसके परिणामस्वरूप संबंधित शालाओं के विद्यार्थियों को दर्जेदार व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी. इस हेतु राज्य शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त दिशानिर्देशों पर जिला परिषद के शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी अमल किया जायेगा.

* प्रतिमाह करनी होगी समीक्षा
शालेय शिक्षा विभाग द्वारा लागू किये जानेवाले ‘केआरए’ के जरिये गुणवत्ता वृध्दि के लक्ष्य को सामने रखा गया है. ऐसे में शाला स्तर पर सभी तरीके से काम हो रहा है अथवा नहीं, यह देखने हेतु सभी कामोें की प्रतिमाह समीक्षा की जायेगी.

* छात्राओं की संख्या घटने पर रहेगी नजर
शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में कक्षा 10 वीं तक पहुंचते-पहुंचते छात्राओं की संख्या काफी हद तक घट जाती है. जिसे रोकने हेतु विविध उपाय किये जायेंगे.
– शालाओं में सभी उपाय योजनाओं पर कडाई से पालन करने की जवाबदारी संबंधित शाला के मुख्याध्यापक एवं शिक्षकों पर रहेगी.

* खिलाडी तैयार करने पर भी जोर
शैक्षणिक गुणवत्ता को उंचा उठाने के साथ-साथ बेहतरीन खिलाडियोें का भी निर्माण हो, इस बात की ओर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा. जिसके लिए क्रीडा विज्ञान केंद्र (बालेवाडी) तथा महाराष्ट्र अंतरराष्ट्रीय क्रीडा विद्यापीठ, पुणे जैसी संस्थाओं को विकसित किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों में से अच्छे खिलाडी तैयार किये जा सके.

शालेय शिक्षा व क्रीडा विभाग द्वारा ‘केआरए’ के लक्ष्य तय किये गये. जिसके अनुसार शालाओं की गुणवत्ता को उंचा उठाने, छात्राओं की संख्या को घटने से रोकने हेतु प्रयास किये जायेंगे. सरकारी आदेश के अनुसार फिलहाल सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है और शालाओं के शुरू होते ही प्रत्यक्ष अमल का काम शुरू कर दिया जायेगा.
– प्रिया देशमुख
प्राथमिक शिक्षाधिकारी, जिप, अमरावती.
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