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अब बांध से 200 मीटर तक रहेगा प्रतिबंधीत क्षेत्र

किसी भी तरह के विकास कार्य करने पर रहेगी पाबंदी

अमरावती/दि.8- राज्य में बनाये गये बांधों के परिसर में पर्यटन एवं अन्य विकास कामों की वजह से पैदा हुई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब किसी भी बांध के ‘एचएलएफ’ क्षेत्र से 200 मीटर की दूरी तक के परिसर को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. ऐसे में इस प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी तरह के विकास कार्य करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इस संदर्भ में जलसंपदा विभाग द्वारा एक परिपत्रक जारी करते हुए कहा गया कि, बडे व मध्यम प्रकल्पों के ‘एचएफएल’ से 200 मीटर तक और लघु प्रकल्पों के ‘एचएफएल’ से 75 मीटर तक प्रतिबंधित क्षेत्र रहेगा. इस प्रतिबंधित क्षेत्र को ‘ग्रीन बेल्ट’ के तौर पर प्रयोग में उपयोग किया जा सकेगा. लेकिन वहां पर किसी भी तरह के विकास कार्य करने की अनुमति नहीं रहेगी. साथ ही इस परिसर में जमीन के नीचे एक मीटर से अधिक खुदाई भी नहीं की जा सकेगी और बांध परिसर के आसपास किये जानेवाले निर्माण कार्यों की उंचाई भी एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं रहने की दी जायेगी.
उल्लेखनीय है कि, राज्य के अधिकांश बडे व मध्यम प्रकल्पों से बांध केे आसपास स्थित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. किंतु विगत कुछ समय के दौरान बांध परिसर में हुए विकास कामों के चलते बांधों के आसपास स्थित परिसर से निकलनेवाले गंदे पानी को किसी भी तरह की प्रक्रिया के बिना बांध के जलसंग्रहण क्षेत्र में छोडे जाने की जानकारी सामने आयी. जिसकी वजह से काफी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती है. इस बात के मद्देनजर जलसंपदा विभाग ने अब बांध परिसर के आसपास होनेवाले विकास कामों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है.

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