* पत्रिकाओं की छपाई होती है नाममात्र, समय व पैसे की बचत
अमरावती/दि.1 – किसी जमाने में घर पर विवाह समारोह आयोजित करने पर सबसे पहले वैवाहिक निमंत्रण पत्रिका की छपाई करते हुए उसे नजदीकी रिश्तेदारों के घर जाकर देने अथवा दूसरे शहरों में रहने वाले रिश्तेदारों को डाक के जरिए निमंत्रण पत्र भेजने की परंपरा थी. जिसका आज भी कई स्थानों पर पालन किया जाता है. लेकिन इन दिनों लगभग सभी लोगों के हाथ में स्मार्ट फोन आ चुका है और हर कोई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मौजूद है. ऐसे में लोगबाग निमंत्रण पत्र का डिझाइन तैयार करने के बाद उसकी छपाई करने की बजाय इस निमंत्रण पत्र को सोशल मीडिया के जरिए अपने परिचितों को भेज देते है. जिसके चलते निमंत्रण पत्रिका को छापने और उसे घर-घर जाकर पहुंचाने में लगने वाले समय व पैसे की बचत हो रही है. वहीं अब पारंपारिक निमंत्रण पत्रिकाओं का स्थान डिजिटल पत्रिकाओं व वीडियो ने ले लिया है. जिसके चलते निमंत्रण पत्रिका की छपाई करने वाले व्यवसायी खाली हाथ बैठे है.
मौजूदा डिजिटल युग में प्रिंटींग व्यवसाय काफी पीछे छूट रहा है और इस व्यवसाय में काम करने वाले कई लोगों का रोजगार भी छीन गया है. कोविड संक्रमण काल के दौरान सरकार द्बारा प्रतिबंध लगाए जाने के चलते गिनती के रिश्तेदारों की उपस्थिति में वैवाहिक समारोह आयोजित किए जाते थे. उस समय उन वैवाहिक निमंत्रण पत्रिका का विषय ही खत्म हो गया है. वहीं कोविड संक्रमण का खतरा बीत जाने के बाद विवाह समारोह एक बार फिर पहले की तरह बडे गाजे-बाजे के साथ होने लगे है. लेकिन वैवाहिक निमंत्रण पत्रिका को छापने और उसे घर-घर पहुंचाने की परंपरा काफी हद तक पीछे छूट गई है. क्योंकि इन दिनों सोशल मीडिया के चलते डिजिटल पत्रिका व इससे संबंधित वीडियो सभी के मोबाइल पर भेजने की सुविधा उपलब्ध हो गई है. जिसके चलते इस पर होने वाले पैसे व समय के खर्च की भी बचत हो रही है.
* आमंत्रित करने का नया पर्याय उपलब्ध
विगत 10-12 वर्षों से मोबाइल का प्रयोग काफी अधिक बढ गया है और मोबाइल की वजह से प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में मानो पूरी दुनिया आ गई है. बदलते समय के अनुरुप मोबाइल के जरिए शुभकामनाएं देने की पद्धति शुरु हुई. वहीं अब सोशल मीडिया की विविध प्लेटफार्म मौजूद है. जिसके जरिए बेहद कम समय में कुछ ही मीनट के भीतर ऑनलाइन आमंत्रण व निमंत्रण कई लोगों तक पहुंचाना संभव हो गया है. ऐसे में लोगबाग इस नये पर्याय को स्वीकार कर रहे है.
* निमंत्रण पत्रिका छापने का प्रमाण हुआ कम
इस संदर्भ में कई प्रिंटींग व्यवसायी से बात करने पर उन्होंने बताया कि, विगत कुछ वर्षों से निमंत्रण पत्रिका छपवाने का प्रमाण काफी हद तक घट गया है. सोशल मीडिया के बढते प्रयोग की वजह से निमंत्रण पत्रिका की छपाई करने वाले व्यवसायियों पर काफी परिणाम भी हुआ है. कुछ वर्ष पहले तक वैवाहिक सीजन के दौरान भोजन करने का भी समय नहीं मिलता था. लेकिन कोविड काल के बाद प्रिंटींग व्यवसाय लगभग थम सा गया है. चूंकि इन दिनों सभी तरह के निमंत्रण पत्रों की छपाई बेहद कम प्रमाण में होती है, ऐसे में अब प्रिंटींग व्यवसायी पहले की तरह इस व्यवसाय पर पूरी तरह निर्भर नहीं रह सकते.
* सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वैवाहिक निमंत्रण पत्र का स्क्रीन शॉर्ट (फाइल फोटो)